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सोने की ख़रीददारी करते वक्त ध्यान में रख ले ये 5 बातें, चाहकर भी दुकानदार नही बना पाएगा बेवक़ूफ़

सोना पहनने और खरीदने का शौक किसे नहीं होता. इससे महंगी और भी धातुएं हैं लेकिन सोने के गहनों की चमक के आगे सब फीका है. सोने की भारी मांग के चलते आज इसकी कीमत (Gold Price) 60 हजार प्रति 10 ग्राम से ऊपर पहुंच गई है.
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gold price today
   

सोना पहनने और खरीदने का शौक किसे नहीं होता. इससे महंगी और भी धातुएं हैं लेकिन सोने के गहनों की चमक के आगे सब फीका है. सोने की भारी मांग के चलते आज इसकी कीमत (Gold Price) 60 हजार प्रति 10 ग्राम से ऊपर पहुंच गई है.

सोने की क्‍वालिटी के आधार पर कई श्रेणियां होने और इसके दाम रोजाना ऊपर-नीचे होने के कारण इसकी खरीदारी में न केवल परेशानी आती है बल्कि कई बार ज्‍वैलर्स मनमानी कीमतें लगाकर खरीदारों को बेवकूफ भी बना देते हैं.

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हालांकि अगर आप सोना खरीदने से पहले सिर्फ 5 जरूरी बातों को याद रखेंगे तो आप बेधड़क किसी भी दुकान पर जाकर सोना खरीद पाएंगे और ठगे भी नहीं जाएंगे. इंडिया बुलियन ज्वेलर्स एसोसिएशन, नई दिल्‍ली के अध्यक्ष कमल जैन पलवल कहते हैं कि जब से हॉलमार्क का सोना आया है, बहुत सारी चीजें साफ हो गई हैं.

बिना हॉलमार्क के सोने में ये संभव है कि सोने की गुणवत्‍ता कुछ और हो लेकिन कीमत कुछ और वसूली जाए. हालांकि अगर कुछ मुख्‍य बातों का ध्‍यान रखेंगे तो सोना खरीदकर फायदे में रहेंगे.

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सबसे पहले सोने के कैरेट का गणित समझें..

जैन कहते हैं कि अगर आप 24 कैरेट में कोई बिस्‍कुट खरीद रहे हैं तो 24 कैरेट सोने का जो भाव चल रहा है वही कीमत होगी लेकिन अगर आप सोने के गहने खरीद रहे हैं तो वे भारत में पांच हॉलमार्क श्रेणियों 23, 22, 20, 18 और 14 कैरेट में बनते हैं. उसी के अनुसार सोने की कीमत तय होती है.

सोने के गहनों पर क्‍या लिखा होना चाहिए?

जैन कहते हैं कि सोना खरीदते वक्‍त इस बात का विशेष रूप से ध्‍यान रखें कि जो भी गहने खरीद रहे हैं वे हॉलमार्क वाले हों. गहनों पर बीआईएस का तिकोना मार्क लिखा होना चाहिए जो यह बताए कि यह ब्‍यूरो ऑफ इंडियन स्‍टेंडर्ड्स से अप्रूव्‍ड है.

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इसी के साथ गहनों पर पीछे या अंदर की तरफ एक एचयूआईडी (Hallmark unique Identification) नंबर भी लिखा होता है जो 6 डिजिट का अल्‍फान्‍यूमेरिक कोड होता है जिसमें कुछ नंबर और कुछ लैटर लिखे होते हैं.

उदाहरण के लिए अगर आपका ज्‍वैलर अपने किसी गहने को 22 कैरेट हॉलमार्क का बता रहा है तो उस गहने पर बीआईएस स्‍टेंडर्ड मार्क के साथ 22k916 तो लिखा ही होगा, इसके साथ ही 6 डिजिट का एचयूआईडी नंबर भी होगा. अगर ऐसा नहीं है तो गहना हॉलमार्क का नहीं है. इसमें मिलावट हो सकती है.

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कैसे तय होगा गहने का रेट?

कैरेट की समझ और हॉलमार्क की जानकारी के बाद जो सबसे जरूरी चीज है वह है गहने का दाम कैसे तय होता है तो समझ लें कि जितने कैरेट का गहना है, उसकी कीमत उस कैरेट की कीमतों के हिसाब से होगी. इसका सिंपल सा गणित ये है,

मान लीजिए 24 कैरेट सोने की कीमत 60 हजार रुपये है तो 22 कैरेट सोने की कीमत 60 हजार रुपये की 91.66 प्रतिशत जो भी कीमत निकलेगी वह होगी. ये ज्‍वैलर ही नहीं आप खुद भी केलकुलेट कर सकते हैं. अगर ज्‍वैलर आपको कुछ अलग कीमत बता रहा है तो उससे बात करें. ऐसा ही 18 कैरेट में होगा. यह 24 कैरेट सोने की कीमत की 75 फीसदी कीमत होगी.

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कैसे जानें क्‍या चल रहा है सोने का भाव?

जैन कहते हैं कि सोने का भाव चूंकि रोजाना बदलता है ऐसे में सोने के लाइव रेट देखे जाते हैं. इसके लिए सबसे बेहतर है कि इंडिया बुलियन एसोएिशन पर सोने के लाइव भाव चलते हैं, उन्‍हें देखकर रोजाना के गोल्‍ड रेट का अंदाजा लगाया जा सकता है. यही रेट आप अपने ज्‍वैलर को बता सकते हैं.

सोने का मेकिंग चार्ज कितना हो?

सोने की कीमत लगाने के बाद आता है सोने का मेकिंग चार्ज. जिसे लेकर ज्‍वैलर्स कहते हैं कि सोने की कीमतों का सोना तो खरीदार के पास पहुंच गया लेकिन इसकी बनाई भी तो देनी होगी. इसी में ज्‍वैलर्स प्रति ग्राम सोने पर 10 फीसदी से लेकर 30 फीसदी तक का मार्जिन लेते हैं

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जो बड़ी ज्‍वैलरी खरीदते समय खरीदार को बोझ की तरह लगता है. अगर आप सोना खरीदने जा रहे हैं तो ध्‍यान रखें कि मेकिंग चार्ज नेगोशिएबल है. इसे आप कम भी करा सकते हैं, इसके साथ ही साधारण डिजाइन की चीजें खरीदने पर यह कम लगता है

लेकिन बारीक और गहराई वाले डिजाइनर गोल्‍ड आइटम्‍स पर यह ज्‍यादा लगता है. वहीं ध्‍यान रहे कि जब आप गोल्‍ड लौटाने या बेचने जाते हैं तो यह मेकिंग चार्ज आपको वापस नहीं मिलता बल्कि सिर्फ सोने का दाम मिलता है.