पूरी जिंदगी में केवल शादी के दिन ही नहाती है ये औरतें, शरीर की बदबू को मिटाने के लिए करती है ये सीक्रेट काम
दुनिया के हर कोने में रहने वाले लोगों की अपनी-अपनी खासियत होती है। शहरों कस्बों और गांवों में रहने वाले लोग भले ही एक-दूसरे से मिलते-जुलते हों लेकिन जंगलों में बसने वाली जनजातियों की अपनी एक अनूठी दुनिया होती है। आज हम आपको नामीबिया के अद्वितीय और प्राचीन समुदाय हिम्बा जनजाति के बारे में बताने जा रहे हैं जो अपनी पुरातन परंपराओं को आज भी जीवित रखे हुए है।
हिम्बा जनजाति का जीवन यापन और उनकी सांस्कृतिक पहचान हमें यह सिखाती है कि कैसे एक समुदाय आधुनिकता की चकाचौंध से दूर अपनी परंपराओं के साथ खुशहाल जीवन व्यतीत कर सकता है। हिम्बा जनजाति ना केवल नामीबिया बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक अनमोल धरोहर है जिसकी परंपराओं और जीवन शैली से सीखने के लिए बहुत कुछ है।
नामीबिया की विशिष्ट हिम्बा जनजाति
नामीबिया अफ्रीका के दक्षिणी हिस्से में स्थित है जहां विविध जनजातियां अपने पारंपरिक तरीके से जीवन व्यतीत करती हैं। हिम्बा जनजाति इन्हीं में से एक है जिसका जीवन शैली और सांस्कृतिक पहचान दुनिया भर में उन्हें विशेष बनाती है।
हिम्बा लोगों की लाइफ स्टाइल
हिम्बा जनजाति के लोग मुख्यतः कृषि और पशुपालन पर निर्भर रहते हैं। गाय भेड़ और बकरियां उनके जीवन का मुख्य आधार हैं। पुरुष जहाँ शिकार और पशुओं की देखभाल में व्यस्त रहते हैं वहीं महिलाएँ घर और खेती की जिम्मेदारी संभालती हैं।
हिम्बा महिलाओं का श्रृंगार
हिम्बा जनजाति की महिलाओं की लाल रंग की त्वचा उनकी विशेष पहचान है। यह लाल रंग नामीबिया की लाल मिट्टी और जानवरों की चर्बी से बने लेप से आता है जिसे वे अपने शरीर पर लगाती हैं। इस लेप का उपयोग न केवल श्रृंगार के रूप में होता है बल्कि यह उन्हें संक्रमण और सूर्य की कठोर किरणों से भी बचाता है।
पारंपरिक विवाह और सामाजिक ढांचा
हिम्बा जनजाति में विवाह की परंपराएँ और सामाजिक ढांचा अत्यंत रुचिकर हैं। यहाँ पुरुषों को एक से अधिक शादियाँ करने की अनुमति है और विवाह कम उम्र में ही कर दिए जाते हैं। महिलाएँ विशेष अवसरों पर ही पानी से नहाती हैं और उनका दैनिक स्नान स्टीम से होता है।