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दुनिया की सबसे ज्यादा नशे वाली शराब के नाम से फेमस है ये ब्रांड, एक पैक लगा लिया तो जल्दी से नही उतरेगा नशा

भारत की जीडीपी में शराब का हिस्सा लगभग 1.45 प्रतिशत है जो कि इसके व्यापक उपयोग और व्यावसायिक महत्व को दर्शाता है। शराब न केवल एक पेय पदार्थ है बल्कि विभिन्न सामाजिक और सांस्कृतिक प्रसंगों में इसका विशेष स्थान है।
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दुनिया की सबसे ज्यादा नशे वाली शराब के नाम से फेमस है ये ब्रांड, एक पैक लगा लिया तो जल्दी से नही उतरेगा नशा
   

भारत की जीडीपी में शराब का हिस्सा लगभग 1.45 प्रतिशत है जो कि इसके व्यापक उपयोग और व्यावसायिक महत्व को दर्शाता है। शराब न केवल एक पेय पदार्थ है बल्कि विभिन्न सामाजिक और सांस्कृतिक प्रसंगों में इसका विशेष स्थान है। चाहे उत्सव हो या गमी का मौका शराब अक्सर लोगों की पहली पसंद बन जाती है।

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शराब के प्रकार और उनमें नशे की मात्रा

विश्वभर में शराब कई प्रकार की होती है और हर प्रकार की शराब में नशे की मात्रा अलग-अलग होती है। बियर जो कि फल और अनाज के रस से बनती है में नशे की सबसे कम मात्रा होती है लगभग 4% से 8% तक। इसकी कम नशीली क्षमता के कारण युवाओं में इसका उपयोग अधिक प्रचलित है।

व्हिस्की और वोडका

दूसरी ओर, व्हिस्की जिसे गेहूं और बार्ली को फर्मेंट करके बनाया जाता है में अल्कोहल की मात्रा 30% से लेकर 65% तक होती है। वोडका जिसे आलू या अनाज से बनाया जाता है में नशे की मात्रा 40% से 60% तक हो सकती है। ये दोनों प्रकार की शराबें उन लोगों के बीच लोकप्रिय हैं जो अधिक तीव्रता के नशे की तलाश में होते हैं।

सर्दियों में रम का महत्व

भारतीय संदर्भ में, सर्दियों के दौरान रम का उपयोग खासतौर पर बढ़ जाता है। रम गन्ने से बनती है और इसमें आमतौर पर 40% अल्कोहल होता है जबकि कुछ ओवरप्रूफ रम में यह मात्रा 70% तक भी हो सकती है। यह शरीर को गर्म रखने में मदद करती है इसलिए ठंड के मौसम में इसकी मांग बढ़ जाती है।

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वाइन

अंत में वाइन जो कि फर्मेंटेड ग्रेप जूस से बनती है भी भारतीय उपभोक्ताओं के बीच पसंदीदा पेय बनती जा रही है। विशेषकर रेड वाइन जिसे ओक के बैरल में उम्र देने की प्रक्रिया से गुजारा जाता है में अल्कोहल की मात्रा लगभग 14% होती है। यह वाइन न केवल स्वाद में खास होती है बल्कि इसे स्वास्थ्यवर्धक माना जाता है जिससे इसका चलन युवाओं में तेजी से बढ़ रहा है।