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पशुपालकों के लिए इस नस्ल की भैंस है वरदान बराबर, रोजाना देती है 16 लीटर दूध

भारत में पशुपालन तेजी से बढ़ता एक व्यवसाय बनता जा रहा है. गांवों से लेकर शहरों तक लोग इसे अपनाकर अच्छी कमाई कर रहे हैं.
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भारत में पशुपालन तेजी से बढ़ता एक व्यवसाय बनता जा रहा है. गांवों से लेकर शहरों तक, लोग इसे अपनाकर अच्छी कमाई कर रहे हैं. इस क्षेत्र में अच्छी नस्ल के दुधारू मवेशियों का महत्वपूर्ण योगदान है. आज हम जानेंगे जाफराबादी भैंस के बारे में जिसे पालने से किसानों को दूध के बंपर उत्पादन की संभावना होती है.

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जाफराबादी (Jaffarabadi: An Excellent Breed)

जाफराबादी भैंस, जिसे भारत की सर्वश्रेष्ठ दुधारू नस्लों में गिना जाता है अपनी ज्यादा दूध उत्पादन क्षमता के लिए प्रसिद्ध है. एक ब्यांत में यह भैंस 3000 लीटर तक दूध दे सकती है. इसके दूध में वासा की मात्रा अधिक होने के कारण, मार्केट में इसका दूध उच्च मूल्य पर बिकता है, और इसकी रखरखाव लागत भी कम आती है.

पोषण और देखभाल (Nutrition and Care)

जाफराबादी भैंस रोजाना 15 से 16 किलो चारा खाती है. इसे पौष्टिक आहार देने पर इसकी दूध देने की क्षमता में वृद्धि होती है. यह भैंस मुख्य रूप से गुजरात के अमरेली, पोरबंदर, भावनगर और जूनागढ़ में पाली जाती है. अब यह भैंस बिहार और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में भी पाली जा रही है.

आर्थिक लाभ (Economic Benefits)

जाफराबादी भैंस की खासियतों के कारण, इसकी शुरुआती कीमत 70 हजार रुपये होती है और इसकी कीमत 1 लाख रुपये तक जा सकती है. इसके दूध की बिक्री से किसान अच्छी कमाई कर सकते हैं, और इसकी वजह से इसे पालने में आने वाली लागत भी आसानी से वसूल हो जाती है.