home page

यूपी का ये शहर है प्रीमीयम इत्र बनाने के लिए है फेमस, मिट्टी से भी आती है इत्र की महक

पूरे विश्व में इत्र नगरी के नाम से मशहूर यह कन्नौज जिला अपने एक से बढ़कर एक इत्र की खुशबू के लिए जाना जाता है। ऐसे में लगातार इत्र व्यापारी एक से बढ़कर एक खुशबू तैयार करते रहते हैं। जिनमें से यह इत्र बेहद खास है जो...
 | 
Kannauj City of Perfume
   

पूरे विश्व में इत्र नगरी के नाम से मशहूर यह कन्नौज जिला अपने एक से बढ़कर एक इत्र की खुशबू के लिए जाना जाता है। ऐसे में लगातार इत्र व्यापारी एक से बढ़कर एक खुशबू तैयार करते रहते हैं। जिनमें से यह इत्र बेहद खास है जो की मिट्टी से बनाया जाता है।

इस इत्र की खुशबू आपको पहली बारिश की याद दिलाएगा। बारिश में जो भीनी-भीनी खुशबू मिट्टी से उठती है इस तरह की खुशबू आपको इस इत्र में मिलेगी जो कि आपका मन को बिल्कुल शांत और तरोताजा कर देगी।

हमारा Whatsapp ग्रूप जॉइन करें Join Now

विशेष प्रकार की मिट्टी से बनाया जाता है इत्र

इत्र व्यापारी शिवा बताते हैं कि कन्नौज ही एकमात्र ऐसी जगह है जहां पर मिट्टी से भी इत्र बनाया जाता है। एक विशेष प्रकार की मिट्टी जिसको चिका मिट्टी कहते हैं यह खेतों से मिलती है यह बहुत चिकनी मिट्टी होती है। कुम्हार लोग इसके बर्तन बनाते हैं और इसका जो वेस्ट बच जाता है।

उसको हम लोग लेकर इसमें से सुगंध निकलते हैं। ऐसे में कुम्हारों को भी इत्र से जुड़ाव मिलता है और रोजगार भी प्राप्त होता है। वहीं इसकी खुशबू भी बहुत खास होती है इसको बनाने में काफी लंबा समय लगता है लेकिन कम लागत में यह मिट्टी का इत्र अच्छा मुनाफा देता है।

इत्र बनने में कितना लगता है समय

मिट्टी के इत्र की क्वालिटी कई तरह से बनती है। इसमें करीब 15 से 30 दिन का वक्त भी लगता है। डेग-भक्का में बड़ी मात्रा में मिट्टी को डाला जाता है। यह वही टूटे-फूटे कुल्हड़ गुल्लक या मिट्टी से बने बर्तन होते हैं इनको पानी के साथ तेज आंच पर डेग में डाल दिया जाता है और इनको तब तक तपाया जाता है। जब तक इसमें मन माफिक खुशबू ना आ जाए।

क्या रहता इत्र का रेट

मिट्टी के इत्र के रेट की बात करी जाए तो यह अपने क्वालिटी पर विशेष डिपेंड करता है 6 हजार रुपये प्रति किलोग्राम से शुरू होकर संदल बेस पर यह 2 लाख रुपए प्रति किलोग्राम तक बिकता है। इसकी मांग विदेशों में ज्यादा होती है और महिलाएं इसका प्रयोग ज्यादा करती हैं।