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मुगल बादशाह की इस बेटी ने परिवार को बचाने के लिए दुश्मन से कर ली थी शादी, नाम जानकर तो आपको भी लगेगा झटका

भारतीय इतिहास में मुगल साम्राज्य की कहानियाँ अपने आप में एक रोमांचक अध्याय हैं। इसी इतिहास के पन्नों में छिपी है खानजादा की कहानी जो न केवल बाबर की बहन थीं
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भारतीय इतिहास में मुगल साम्राज्य की कहानियाँ अपने आप में एक रोमांचक अध्याय हैं। इसी इतिहास के पन्नों में छिपी है खानजादा की कहानी जो न केवल बाबर की बहन थीं बल्कि एक असाधारण योद्धा भी थीं। खानजादा का जीवन उनके साहस और त्याग की कहानी कहता है जिसने उनके भाई बाबर के लिए अनेकों कठिनाइयों का सामना किया।

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भाई के लिए बलिदान

जब खानजादा के भाई बाबर का युद्ध शायबानी से हुआ और बाबर को कठिनाई में देखा तो खानजादा ने एक अत्यंत दुस्साहसिक कदम उठाया। युद्ध में बाबर की हार और उनके सैनिकों की दयनीय स्थिति ने खानजादा को एक ऐसा फैसला लेने पर मजबूर किया जो इतिहास में उनकी वीरता के रूप में अंकित हो गया। उन्होंने शायबानी खान से शादी करने की शर्त रखी बदले में उन्होंने अपने भाई और उनके सैनिकों की सुरक्षा की गुहार लगाई।

खानजादा का त्याग और उसके परिणाम

खानजादा की इस शादी ने उन्हें अनेक चुनौतियों का सामना करना पड़ा। शायबानी के साथ उनका जीवन सुखमय नहीं रहा और बाद में उन्हें अन्य पुरुषों से विवाह करना पड़ा जिनमें से प्रत्येक के साथ उनका जीवन और भी दुखद रहा। इन सबके बीच खानजादा का अपने भाई और परिवार के प्रति प्रेम और समर्पण कभी कम नहीं हुआ।

खानजादा की वापसी और उनका अंतिम समय

जब शाह इस्माइल ने खानजादा को उनके भाई बाबर को सौंप दिया, तब वह कई वर्षों के बाद अपने घर लौटीं। इस लंबी अवधि के बाद अपने परिवार से मिलना उनके लिए एक भावनात्मक पल था। खानजादा का जीवन युद्ध, त्याग, और अपार साहस की गाथा है जिसने उन्हें मुगल इतिहास की एक अनोखे पात्र के रूप में स्थापित किया।