यूपी के इस जिले में सबसे ज्यादा लोगों का बिजली बिल है बकाया, प्रशासन के अटके पड़े है इतने करोड़
जैसे की आप जानते है एक पुरानी कहावत है कि "आपन भला, भला जग माही" और "दूसरे के भला ठेंगे से नहीं।" पावर कारपोरेशन लिमिटेड (PCL) भी इसी तरह है। पीसीएल नगर निगम का सबसे बड़ा बकायेदार है इसलिए उसने बिजली का कनेक्शन काट दिया।
18 सरकारी संस्थाएं डिफाल्टरों की लिस्ट मे
यह देनदारी कोई एक लाख-दो लाख रुपये की नहीं है बल्कि चार करोड़ रुपये की है। पीसीएल ने व्यक्तिगत प्रयासों और बार-बार नोटिसों के बावजूद नगर निगम को जल और घर कर का बकाया नहीं दिया। कुल 18 सरकारी संस्थाएं डिफाल्टरों की लिस्ट मे शामिल हैं। लेकिन साकेत पराग डेयरी दूसरी संस्था है और पूर्वांचल के सबसे बड़े महाविद्यालयों में से एक है।
वर्षों से लगभग आठ करोड़ रुपये की देन
टाप थ्री के अतिरिक्त लोक निर्माण विभाग, जिला उद्यान अधिकारी, आबकारी और परिवहन निगम को वर्षों से लगभग आठ करोड़ रुपये की देन दी गई है। टैक्स का बकाया नहीं मिलने से नगर निगम का कोष मजबूत नहीं हो पा रहा है इसलिए निगम को शासन से छोटे-छोटे विकास कार्यों में सहयोग करना पड़ता है।
- पावर कारपोरेशन-चार करोड़ रुपए
- साकेत पराग डेयरी -75 लाख रुपए
- साकेत महाविद्यालय-48 लाख रुपए
- लोक निर्माण विभाग-40 लाख रुपए
- जिला उद्यान अधीक्षक -7.17 लाख रुपए
- क्षेत्रीय प्रबंधक उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन- 39.92 लाख रुपये
- उप आबकारी आयुक्त-22 लाख रुपए
- जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान-25 लाख रुपए
- अधिशासी अभियंता नलकूप खंड- 22.28 लाख रुपए
- मुख्य चिकित्सा अधिकारी-13 लाख रुपए
- राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय-16.60 लाख रुपए
- अधिशासी अभियंता सरयू नहर खंड-15 लाख रुपए निबंधन विभाग-16 लाख रुपए
- आवास विकास परिषद-2.63 लाख रुपए
- प्रबंधक जिला सहकारी बैंक-8.29 लाख रुपए
- जिला युवा कल्याण अधिकारी-6.35 लाख रुपए
- राजकीय पालीटेक्निक पुरुष-7 लाख रुपए
31 मार्च तक मिलेगी दस प्रतिशत की छूट
नगर निगम अयोध्या मुख्य कर निर्धारण अधिकारी गजेंद्र कुमार ने कहा कि बकायेदार विभागों को नोटिस भेज दिया गया है। ये सभी संबंधित विभाग 31 मार्च तक गृह और जल कर जमा करके दस प्रतिशत की छूट प्राप्त कर सकते हैं।