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इस बकरी के दूध को दवाई की तरह करते है इस्तेमाल, तगड़ी है डिमांड

बकरी का दूध (goat milk) अपने पोषण और औषधीय गुणों के कारण धीरे-धीरे लोगों के बीच लोकप्रिय हो रहा है.
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Goat Milk: बकरी के दूध को इसलिए कहा जाता है दवाई, बढ़ रही डिमांड, पढ़ें डिटेल
   

Medicinal value of goat milk:  बकरी का दूध (goat milk) अपने पोषण और औषधीय गुणों के कारण धीरे-धीरे लोगों के बीच लोकप्रिय हो रहा है. खासकर बच्चों के लिए इसे अमृत के समान माना जाता है. केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान (CIRG) मथुरा के डायरेक्टर मनीष कुमार चेटली के अनुसार, यूरोपीय देशों में आज भी 95% बच्चों की दवाइयों में बकरी के दूध का उपयोग किया जाता है. इस कारण भारत में भी बकरी के दूध की मांग में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है. अब यह केवल एक सामान्य दूध नहीं रह गया है, बल्कि दवा के रूप में इसका इस्तेमाल बढ़ता जा रहा है.

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बकरी पालन का बढ़ता दायरा

बकरी के दूध की मांग बढ़ने के साथ ही देशभर में बकरी पालन (goat farming) को भी बढ़ावा मिल रहा है. केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान (CIRG) साइंटिफिक तरीके से बकरी पालन की ट्रेनिंग प्रदान करता है. डेयरी और पशुपालन मंत्रालय की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत बकरी के दूध उत्पादन में विश्व में पहले स्थान पर है. इसे देखते हुए केन्द्र और राज्य सरकारें बकरी पालन को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न योजनाएं चला रही हैं, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी बल मिल रहा है.

बकरी का दूध

सीआईआरजी के प्रिंसिपल साइंटिस्ट डॉ. एमके सिंह के अनुसार, डेंगू और चिकनगुनिया (dengue and chikungunya) जैसी गंभीर बीमारियों में बकरी का दूध बहुत असरदार साबित हो रहा है. इसमें मौजूद पोषक तत्व इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाते हैं, जिससे शरीर तेजी से रिकवरी करता है. इसके अलावा, बकरी का दूध कैंसर और हार्ट के मरीजों के लिए भी लाभकारी है.

डायबिटीज और पेट की बीमारियों में लाभ

बकरी के दूध में लेक्टोज की मात्रा कम होती है जिससे डायबिटीज (diabetes patients) के मरीज भी इसे आसानी से पचा सकते हैं. यह दूध आंतों के लिए भी फायदेमंद है, खासकर कोलाइटिस जैसी गंभीर बीमारियों में. बकरी के दूध में मौजूद एंजाइम्स और विटामिन्स पेट की बीमारियों को ठीक करने में मददगार साबित हो रहे हैं.

ऑर्गेनिक दूध का नया स्रोत

गुरु अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंस यूनिवर्सिटी (गडवासु), लुधियाना के वाइस चांसलर डॉ. इन्द्रजीत सिंह ने बकरी के दूध को ऑर्गेनिक दूध (organic milk) बताया है. बकरी के चरने की प्रक्रिया को देखते हुए यह दावा किया जा सकता है कि इसका दूध पूरी तरह से नेचुरल और केमिकल-फ्री होता है. बकरियां अलग-अलग प्रकार के पेड़ों के पत्ते और हरा चारा खाती हैं, जिससे उनके दूध में प्राकृतिक गुण बढ़ जाते हैं.

ऑनलाइन बिक्री में बढ़ोतरी और बकरी के दूध की कीमत

गोट एक्सपर्ट फहीम खान के अनुसार, देश में बकरी के पाश्चराइज्ड दूध (pasteurized goat milk) की मांग भी बढ़ रही है. आजकल 200 ग्राम की बोतल में यह दूध 35 से 40 रुपये की कीमत पर ऑनलाइन बिक रहा है. कई लोग इसे ऑर्गेनिक कहकर भी बेच रहे हैं. इंडियन डेयरी एसोसिएशन के प्रेसिडेंट डॉ. आरएस सेठी का कहना है कि बकरी के दूध की बढ़ती डिमांड को देखते हुए अब बड़ी कंपनियां भी इस कारोबार में कदम बढ़ाने लगी हैं. गुजरात में बकरियों के बड़े फार्म्स पर काम चल रहा है, जहां इस दूध का उत्पादन बड़े स्तर पर किया जा रहा है.

स्वास्थ्य के लिए बकरी के दूध के फायदे

बकरी का दूध केवल बीमारियों में ही नहीं, बल्कि सामान्य स्वास्थ्य के लिए भी बेहद फायदेमंद है. इसमें मौजूद कैल्शियम और विटामिन डी हड्डियों को मजबूत बनाते हैं. इसके अलावा, बकरी के दूध में पाचन के लिए जरूरी एंजाइम्स होते हैं, जो इसे पचाने में आसान बनाते हैं. बच्चों के विकास के लिए यह दूध विशेष रूप से लाभकारी है, क्योंकि इसमें प्रोटीन और आवश्यक पोषक तत्व (essential nutrients) भरपूर मात्रा में होते हैं.

बकरी के दूध के सेवन से जुड़े सुझाव

बकरी के दूध का सेवन करने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है. इसे धीरे-धीरे अपनी डाइट में शामिल करें, खासकर अगर आपने पहले कभी इसे नहीं पिया है. इसके अलावा, अगर आपको किसी प्रकार की एलर्जी (allergy) है, तो डॉक्टर से सलाह लेना आवश्यक है. बकरी का दूध अन्य प्रकार के दूध से हल्का और कम फैटी होता है, इसलिए यह उन लोगों के लिए भी फायदेमंद है, जो अपने वजन को नियंत्रित रखना चाहते हैं.

बकरी का दूध

बकरी पालन से न केवल दूध का उत्पादन होता है, बल्कि इससे ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर भी पैदा होते हैं. बकरी पालन के जरिए किसानों और पशुपालकों को आर्थिक सहायता मिलती है. इसके अलावा, बकरी पालन को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार द्वारा दी जा रही सब्सिडी और योजनाओं (government subsidies and schemes) से भी ग्रामीण क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल रही है.