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योगी सरकार की इस योजना से गर्भवती महिलाओं को मिली आर्थिक मदद, 2017 से अब तक 2534 करोड़ रुपए का हुआ वितरण

भारत सरकार द्वारा गर्भवती और धात्री महिलाओं के स्वास्थ्य और पोषण की समस्याओं को दूर करने के लिए चलाई गई प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (PM-MVY) ने उत्तर प्रदेश में एक नई क्रांति का आगाज किया है।
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PM Matru Vandana Yojana
   

भारत सरकार द्वारा गर्भवती और धात्री महिलाओं के स्वास्थ्य और पोषण की समस्याओं को दूर करने के लिए चलाई गई प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (PM-MVY) ने उत्तर प्रदेश में एक नई क्रांति का आगाज किया है। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना 2.0 न केवल गर्भवती और धात्री महिलाओं के स्वास्थ्य और पोषण की समस्याओं के निराकरण में मदद कर रही है।

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बल्कि इसने समाज में एक नई जागरूकता और सकारात्मक परिवर्तन भी लाया है। इस योजना के सफल कार्यान्वयन से उत्तर प्रदेश में लाखों महिलाओं को नई उम्मीद और समर्थन मिला है जो निश्चित रूप से समाज के विकास में एक महत्वपूर्ण योगदान देगा।

योजना का सफल कार्यान्वयन और लाभार्थियों की बढ़ती संख्या

2017 से 2023 तक इस योजना ने 47.53 लाख लाभार्थियों को 2534.11 करोड़ रुपए का लाभ पहुंचाया है। अप्रैल 2023 से अब तक के दूसरे चरण में 2.74 लाख नए लाभार्थियों को 111.61 करोड़ रुपए की राशि प्रदान की गई है।

इस योजना के तहत विशेष पंजीकरण अभियानों के माध्यम से और भी अधिक महिलाओं को लाभ पहुंचाने की दिशा में निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं।

बहराइच ने पंजीकरण में मारी बाजी

विशेष पंजीकरण अभियानों के फलस्वरूप बहराइच जनपद ने 25,678 पंजीकरण के साथ सबसे अधिक लाभार्थियों का पंजीकरण कराकर एक उदाहरण पेश किया है। इसके पीछे वाराणसी, गाजियाबाद, रामपुर, और बस्ती जैसे जनपद भी अच्छी संख्या में पंजीकरण के साथ खड़े हैं।

लाभार्थी पंजीकरण को बढ़ावा देने के निर्देश

उत्तर प्रदेश सरकार ने योजना के प्रभावी संचालन और लाभार्थी पंजीकरण की सुगमता के लिए आंशिक बदलाव किए हैं। प्रत्येक आशा को कम से कम 10 लाभार्थियों को पंजीकृत करने के लिए निर्देशित किया गया है जिससे योजना की पहुंच और भी व्यापक हो सके।

प्रगति और गुणवत्ता में सुधार के प्रयास

मण्डलीय परियोजना प्रबन्धकों और मण्डलीय अपर निदेशकों के सतत अनुश्रवण और समीक्षा के माध्यम से पीएमएमवीवाई के क्रियान्वयन में वृद्धि और गुणात्मक सुधार के प्रयास किए जा रहे हैं। इसके अलावा जिलाधिकारियों और मुख्य चिकित्साधिकारियों को भी योजना की प्रगति बढ़ाने के लिए निर्देश दिए गए हैं।