home page

फतेहाबाद जिले के इस स्कूल ने मैरिट पास बच्चों के लिए की अनोखी पहल, 12वीं के रिजल्ट से खुश होकर बच्चों को दिए सोने के सिक्के

हरियाणा के टोहाना खंड के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय ललौदा में कार्यरत इतिहास के शिक्षक ने एक अनूठी और प्रेरणादायक पहल की शुरुआत की है। इस शैक्षणिक सत्र की शुरुआत में उन्होंने एक अनोखी प्रतिस्पर्धा का...
 | 
Government School Lalauda
   

हरियाणा के टोहाना खंड के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय ललौदा में कार्यरत इतिहास के शिक्षक ने एक अनूठी और प्रेरणादायक पहल की शुरुआत की है। इस शैक्षणिक सत्र की शुरुआत में उन्होंने एक अनोखी प्रतिस्पर्धा का आयोजन किया था जिसमें विषय में मैरिट हासिल करने वाले छात्रों को चांदी के सिक्के से सम्मानित किया जाना था।

यह पहल न केवल छात्रों को शिक्षा की ओर प्रेरित करती है। बल्कि उन्हें अपने लक्ष्यों की ओर कड़ी मेहनत करने के लिए भी उत्साहित करती है। यह अनोखी पहल न केवल छात्रों के अकादमिक जीवन में एक मील का पत्थर साबित होती है। बल्कि यह अन्य शिक्षकों और शैक्षणिक संस्थानों के लिए भी एक प्रेरणा का स्रोत बनती है।

ये भी पढ़िए :- सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए आई खुशखबरी, मिड डे मील के लिए स्कूल में होंगे ये काम

यह दर्शाता है कि कैसे छोटी-छोटी प्रेरणाएं और प्रोत्साहन छात्रों को उनकी क्षमताओं का उपयोग करने और उच्चतम मानकों को प्राप्त करने के लिए प्रेरित कर सकती हैं। इस प्रकार यह पहल शिक्षा क्षेत्र में नई पहल को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है।

हमारा Whatsapp ग्रूप जॉइन करें Join Now

शत-प्रतिशत परिणाम और छात्रों की उपलब्धि

हाल ही में जारी हुए बोर्ड के परिणामों में ललौदा स्कूल ने 100 प्रतिशत सफलता दर हासिल की है। जो इस बात का प्रमाण है कि शिक्षा के प्रति सही दृष्टिकोण और प्रेरणा से उत्कृष्ट परिणाम सुनिश्चित होते हैं। इतिहास विषय में मैरिट लाने वाले दस छात्रों को विशेष रूप से चांदी के सिक्के दिए गए। जिससे उनकी मेहनत और सफलता को सराहा गया।

ये भी पढ़िए :- जेठालाल का रोल ठुकरा कर अब पछता रहे है ये ऐक्टर्स, दिलीप जोशी से पहले इन एक्टरों को ऑफर हुआ था जेठालाल का रोल

प्रतिभा को मिला सही सम्मान

इस उपलब्धि के लिए स्कूल के प्रार्थना सभा में इन होनहार छात्रों को सम्मानित किया गया। स्कूल के प्रिंसिपल सत्यवान घणघस ने सभी छात्रों को शुभकामनाएं दीं और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।

पिछले वर्ष भी इतिहास के विषय में मैरिट हासिल करने वाले चार छात्रों को इसी तरह से सम्मानित किया गया था। जिससे इस प्रथा की निरंतरता और छात्रों के प्रति प्रतिबद्धता स्पष्ट होती है।