अबकी बार दिल्ली वालों की दिवाली रह सकती है सुखी, इस फेमस शराब की किल्लत से हो रही परेशानियां
इस साल भी दिल्लीवासियों की दीवाली सूखी-सूखी होगी। देश की राजधानी में शराब के शौकीनों को खलने वाले कई प्रीमियम ब्रांड की कमी से बेहतरी की संभावना कम है। दरअसल, पिछले साल से दिल्ली में शराब बेचने वाली दुकानें सिर्फ सरकारी योजनाओं से चल रही हैं।
दिल्ली सरकार ने वर्तमान नीति को अगले छह महीने, यानी वित्तीय वर्ष 2022–2023 के अंत तक जारी रखने का निर्णय लिया है।
क्या होगा पॉलिसी जारी रहने का असर
हाल ही में त्योहारों का मौसम आने वाला है, जिसमें शराब की बिक्री सामान्य दिनों की तुलना में अधिक होगी. हालांकि, दिल्ली में खुदरा या रिटेल शराब की दुकानें पिछले एक साल से केवल सरकारी एजेंसियों के माध्यम से चल रही हैं।
लोगों का कहना है कि दिल्ली में शराब पॉलिसी में निजीकरण होने के बाद बहुत से प्रीमियम ब्रांड नहीं हैं। लेकिन दिल्ली की आबकारी नीति में घोटाले की घोषणा ने शराब के ब्रांडों की उपलब्धता पर भी असर पड़ा है। लोगों को आगामी छह महीने तक चलने वाली पॉलिसी के कारण अपना मनपसंद ब्रांड नहीं मिलने की उम्मीद है।
कौन-कौन से ब्रांड मिलने की संभावना नहीं
फिलहाल दिल्ली के बाज़ारों में कई प्रीमियम ब्रांड जैसे Chivas Regal, Absolut Vodka, Royal Stag, Imperial Blue, Glenlivet और 100 Pipers नहीं मिलेंगे। आबकारी विभाग ने बताया कि इसकी सबसे बड़ी वजह ये है कि इन ब्रांडों से जुड़ी हुई एक फ्रेंच कंपनी का नाम शराब घोटाले में शामिल है।
दिल्ली में खुदरा शराब केवल सरकारी उपक्रमों से बेची जाती है, इसलिए घोटाले से जुड़ी किसी भी कंपनी को सरकारी खरीददारी से जोड़ना उचित नहीं होगा।
दूसरी कंपनियों के लिए है सुनहरा मौका
आबकारी विभाग, हालांकि, यह मौका उन कंपनियों के लिए बहुत सुनहरा है जो दिल्ली में अपने ब्रांड को शुरू करना चाहते हैं। वह अगले छह महीने में दिल्ली में बड़े ब्रांडों की दुकानों में उपलब्ध नहीं होने पर अपनी मौजूदगी दर्ज कर सकते हैं।
क्या ब्रांड की उपलब्धता का असर दिल्ली सरकार की कमाई पर हुआ है?
दिल्ली में पिछले एक वर्ष से अधिक से प्रीमियम ब्रांड उपलब्ध नहीं है। ऐसे में लोगों का रुझान दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में शराब खरीदने पर अधिक हुआ है। मसलन, उत्तर प्रदेश और हरियाणा में स्थित गुरुग्राम, नोएडा, गाजियाबाद और फरीदाबाद जैसे शहर दिल्ली के नुकसान का सीधा लाभ उठाते हैं।
लेकिन दिल्ली का आबकारी विभाग अपने आंकड़ों से ऐसी बातों को गलत बता रहा है। आबकारी विभाग की कमाई पिछले वर्ष सितंबर से मार्च 2023 तक लगभग 7200 करोड़ रुपये थी।
जबकि पिछले वित्तीय वर्ष, अप्रैल 2022 से मार्च 2023 तक कमाई लगभग 6850 करोड़ रुपये थी। सरकारी दावों के अनुसार, पिछले वर्ष से इस वर्ष शराब बेचकर कमाई में बढ़ोतरी हुई है, न कि कमी आई है।