भारत के इस टुरिस्ट जगह को बोला जाता है बिहार का कश्मीर, तीन नदियों के संगम पर है ये खूबसूरत जगह
बिहार की वाल्मीकिनगर संसदीय सीट जिसे प्राकृतिक सौंदर्य के कारण 'बिहार का कश्मीर' भी कहा जाता है। अपने आप में एक अनूठा स्थान है। यह क्षेत्र न केवल धार्मिक महत्व का केंद्र है। बल्कि इसकी प्राकृतिक सुंदरता भी अपार है। नेपाल से सटे इस क्षेत्र में हरे-भरे जंगल, उंचे पहाड़ और नदियां इसे एक खूबसूरत पर्यटन स्थल बनाते हैं।
वाल्मीकिनगर अपनी प्राकृतिक सुंदरता और विविधतापूर्ण आकर्षणों के साथ न केवल बिहार बल्कि समूचे भारत के लिए एक गर्व का प्रतीक है। यह क्षेत्र अपने अनूठे संस्कृतिक और धार्मिक महत्व के साथ-साथ अपनी अनोखी प्राकृतिक विरासत के कारण सभी के लिए एक जरूरी देखने योग्य स्थल बन गया है।
वाल्मीकिनगर में चुनावी समर
वाल्मीकिनगर जो सामान्यतः शांत और सुरम्य रहता है। चुनावी मौसम में अपने स्थिर वातावरण से बहुत दूर नजर आता है। यहां की शांति चुनाव प्रचार के कोलाहल से भंग हो जाती है। नेता और उनके समर्थक चुनावी रणनीतियों में व्यस्त नजर आते हैं।
त्रिवेणी संगम का धार्मिक और प्राकृतिक महत्व
वाल्मीकिनगर की एक विशेषता यहाँ का त्रिवेणी संगम है। जहां तीन प्रमुख नदियां नारायणी, तमसा और सोनहा मिलती हैं। यह स्थल न केवल प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है, बल्कि धार्मिक दृष्टि से भी बेहद महत्वपूर्ण है। मान्यता है कि त्रिवेणी में अंतिम संस्कार करने से मुक्ति मिलती है।
वाल्मीकिनगर टाइगर रिजर्व
वाल्मीकिनगर टाइगर रिजर्व जो करीब नौ सौ दस वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। इस क्षेत्र की खूबसूरती और भी बढ़ा देता है। यह जगह न केवल पर्यटकों के लिए एक आकर्षण का केंद्र है। बल्कि यहाँ कई धार्मिक स्थल भी हैं, जो इसे और भी विशेष बनाते हैं।
गंडक बैराज कृषि और सिंचाई का मुख्य स्रोत
वाल्मीकिनगर में गंडक बैराज जो भारत और नेपाल की दोस्ती को प्रगाढ़ करता है। क्षेत्रीय कृषि और सिंचाई के लिए एक अहम योगदान देता है। इस बैराज की मदद से गंडक नदी के जल का समुचित प्रबंधन सुनिश्चित किया जाता है। जिससे आसपास के कई जिलों में सिंचाई सुविधाएँ सुगमता से उपलब्ध होती हैं।