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भारत की ये ट्रेन 72 घंटों में तय करती है सिंगापुर के बराबर दूरी, जाने किस रूट पर दौड़ती है ये खास ट्रेन

भारतीय रेलवे विश्व के चौथे सबसे बड़े रेल नेटवर्क के रूप में अपनी एक खास पहचान रखता है। हर दिन 12,000 से अधिक ट्रेनें यात्रियों और माल को उनके गंतव्य स्थानों तक पहुंचाती हैं।
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भारतीय रेलवे विश्व के चौथे सबसे बड़े रेल नेटवर्क के रूप में अपनी एक खास पहचान रखता है। हर दिन 12,000 से अधिक ट्रेनें यात्रियों और माल को उनके गंतव्य स्थानों तक पहुंचाती हैं। इसमें वंदेभारत राजधानी शताब्दी और एक्सप्रेस जैसी ट्रेनें शामिल हैं जो छोटी से लेकर लंबी दूरियों तक यात्रा प्रदान करती हैं।

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एक यात्रा जो सिंगापुर के बराबर है

वंदे भारत, राजधानी, दूरंतो या शताब्दी जैसी ट्रेनों के बीच, एक सुपरफास्ट एक्सप्रेस ट्रेन अपनी एक अनोखी दूरी के लिए जानी जाती है। विवेक एक्सप्रेस, जो असम के डिब्रूगढ़ से तमिलनाडु के कन्याकुमारी तक जाती है अपनी यात्रा में 4153 किमी की दूरी तय करती है, जो कि दिल्ली से सिंगापुर की दूरी के बराबर है। इस ट्रेन को स्वामी विवेकानंद की 150वीं जयंती के मौके पर शुरू किया गया था।

अनगिनत स्टॉपेज

विवेक एक्सप्रेस की खासियत इसके स्टॉपेज भी हैं जो इतने अधिक हैं कि यात्री गिनते-गिनते थक सकते हैं। यह ट्रेन अपने पूरे सफर में 59 स्टेशनों पर रुकती है और इसे पूरा सफर तय करने में कुल 74 घंटे का समय लगता है।

सात राज्यों की यात्रा

यह अद्भुत ट्रेन अपने सफर के दौरान असम, नागालैंड, पश्चिमी बंगाल, ओडिशा, आन्ध्र प्रदेश, तमिलनाडु और केरल जैसे सात राज्यों से होकर गुजरती है। यह विविध सांस्कृतिक परिदृश्यों और भौगोलिक विविधताओं को अपने यात्रियों के सामने प्रस्तुत करती है, जो इसे न केवल एक यात्रा बनाते हैं बल्कि एक अविस्मरणीय अनुभव भी।

विवेक एक्सप्रेस

विवेक एक्सप्रेस का नाम स्वामी विवेकानंद के नाम पर रखा गया है जो भारतीय युवाओं के लिए एक आदर्श और प्रेरणा के स्रोत हैं। इस ट्रेन की शुरुआत उनकी 150वीं जयंती के अवसर पर की गई थी, जिसे 2011-12 के रेल बजट में घोषित किया गया था और 2013 में संचालन शुरू हुआ। इस ट्रेन के माध्यम से, भारतीय रेलवे ने न केवल एक यात्रा सुविधा प्रदान की है बल्कि एक महान व्यक्तित्व को भी श्रद्धांजलि दी है।