गेंहु की ये किस्म देती है बंपर पैदावार, एक एक्टेयर में होगी 90 क्विंटल की पैदावार
wheat new-variety: इस समय खरीफ की फसलों का सीजन समाप्त होने को है, और किसान जल्द ही उनकी कटाई में व्यस्त हो जाएंगे. इसके बाद रबी सीजन आरंभ होगा जिसमें मुख्य रूप से गेहूं की बिजाई की जाती है. हर किसान अपनी फसल के लिए बेहतरीन वैरायटी चुनना चाहता है ताकि वह न्यूनतम लागत में अधिकतम उत्पादन मिल सके.
गेहूं की नई वैरायटी
गेहूं की बिजाई के लिए हाई क्वालिटी के बीजों की तलाश अत्यंत महत्वपूर्ण है. हाल ही में कृषि वैज्ञानिकों ने एक नई गेहूं की किस्म विकसित की है जो न केवल खराब मौसम (Resistant Wheat Varieties) के प्रभावों का सामना कर सकती है बल्कि विभिन्न बीमारियों से भी मुक्त रहती है. इसकी पैदावार 90 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक हो सकती है जो किसानों के लिए अत्यंत लाभदायक साबित हो सकती है.
खराब मौसम में भी बेहतर पैदावार
पिछले कुछ वर्षों में, गेहूं की खेती से किसानों को अच्छी खासी आमदनी हुई है. हालांकि, खराब मौसम के कारण कई बार उत्पादन में कमी आई है. नई वैरायटी (Wheat Farming Profits) ऐसे मौसम में भी ज्यादा पैदावार देने में सक्षम है और यह रोग प्रतिरोधी भी है जिससे किसानों को घाटा कम उठाना पड़ता है.
नई वैरायटी का परिचय
कृषि वैज्ञानिकों ने गेहूं की इस नई किस्म का नाम एचडी 3385 रखा है. यह वैरायटी (HD 3385 Benefits) विशेष रूप से उत्तर पश्चिमी और पूर्वी मैदानी इलाकों के लिए उपयुक्त है और यह 90 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक की उत्पादन क्षमता रखती है.
नई किस्म का राष्ट्रव्यापी प्रसार
ज्यादा से ज्यादा किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए, इस नई गेहूं की किस्म का प्रसार सभी राज्यों में किया जाएगा. यह नई वैरायटी (Effective Wheat Varieties) न केवल विभिन्न मौसमी चुनौतियों को झेल सकती है, बल्कि इसकी उत्पादन क्षमता भी अधिक है, जो किसानों के लिए अतिरिक्त लाभ का कारण बन सकती है.
सही समय गेहूं की बुवाई का
कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार अक्टूबर के अंत और नवंबर के पहले सप्ताह को गेहूं की बुवाई के लिए सबसे उपयुक्त समय (Optimal Sowing Period for Wheat) माना जाता है. इस समयावधि में बुवाई करने से गेहूं की फसल की उत्पादन क्षमता सर्वाधिक होती है और फसल के स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है.