हरियाणा का ये गांव कहलाता है फौजियों की फैक्ट्री, हर घर में मिल जाएगा भारतीय सेना के जवान और सैनिक
Haryana News: हरियाणा के हिसार जिले में स्थित सौथा गांव अपने अनोखे चरित्र के लिए जाना जाता है. यहां के हर घर से कम से कम एक युवा भारतीय सेना का हिस्सा बन चुका है. गांव के पास स्थित विशाल मैदान में छुट्टी पर आए जवान युवाओं को सेना में भर्ती होने के लिए आवश्यक ट्रेनिंग प्रदान करते हैं. इस प्रक्रिया का आरंभ नौ वर्ष पूर्व हुआ था और तब से इसने गांव के 45 युवाओं को सेना की ओर मार्गदर्शन किया है.
प्रेरणा का स्रोत
सौथा गांव के प्रत्येक निवासी के लिए उनके पुराने सैनिक एक प्रेरणा के स्रोत हैं. विशेष रूप से, सुरेंद्र उर्फ टीनू जिन्होंने पैरामिलिट्री में अपनी सेवाएँ दीं और राष्ट्रपति की सुरक्षा में अपनी जिम्मेदारियां निभाईं. छुट्टी पर गांव लौटने पर, टीनू ने युवाओं को ट्रेनिंग देना शुरू किया, जिससे गांव के अन्य सैनिक भी प्रेरित हुए और उन्होंने मिलकर एक ट्रेनिंग सिस्टम स्थापित किया.
गांव का सामाजिक और आर्थिक विकास
सौथा गांव का सामाजिक और आर्थिक ढांचा भी इस परंपरा से प्रभावित हुआ है. गांव के सरपंच ने खेल और सैन्य प्रशिक्षण के लिए 9 एकड़ जमीन पर एक एथलेटिक ट्रैक विकसित किया है. यहां की युवा पीढ़ी में खेलों और सैन्य सेवा के प्रति गहरा उत्साह है जिससे गांव में अपराध की दर भी न के बराबर है.
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निरंतरता और विरासत
युवा पीढ़ी के सैनिक बनने की इस विरासत को बनाए रखने में गांव का हर व्यक्ति अपना योगदान देता है. छुट्टी पर आने वाले सैनिक अपने स्वयं के अनुभव और ज्ञान को युवाओं के साथ साझा करते हैं, जिससे एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक ज्ञान का संचार होता है.