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तीन भाइयों ने पशुपालन करके कर दिया कमाल, पशुओं का दूध बेचकर हर महीने कर रहे लाखों के कमाई

गुजरात (Gujarat) को अक्सर उसके उद्यमी भावना (Entrepreneurial Spirit) के लिए जाना जाता है। यहाँ के किसान (Farmers) भी अपनी पारंपरिक खेती (Traditional Farming) के साथ-साथ नई तकनीकों (Innovations) को अपनाकर मोटी कमाई कर रहे हैं।
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गुजरात (Gujarat) को अक्सर उसके उद्यमी भावना (Entrepreneurial Spirit) के लिए जाना जाता है। यहाँ के किसान (Farmers) भी अपनी पारंपरिक खेती (Traditional Farming) के साथ-साथ नई तकनीकों (Innovations) को अपनाकर मोटी कमाई कर रहे हैं।

पशुपालन

साबरकांठा (Sabarkantha) के दलपुर गांव (Dalpur Village) में रहने वाले तीन किसान भाइयों की कहानी इस बात का प्रमाण है कि कैसे पशुपालन (Animal Husbandry) न केवल आय का एक मजबूत स्रोत हो सकता है बल्कि यह बड़ी-बड़ी कंपनियों के सीईओ (CEO) की कमाई को भी मात दे सकता है। प्रकाश भाई, सुरेश भाई, और महेश भाई इसके जीवंत उदाहरण हैं जो सालाना 75 लाख रुपये (75 Lakhs Annually) तक की कमाई कर रहे हैं।

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उच्च उत्पादन वाली गायों का चुनाव

इन भाइयों ने पंजाब (Punjab) से एचएफ नस्ल (HF Breed) की गायें लाईं जो प्रतिदिन 40 से 50 लीटर दूध (40 to 50 Liters Milk Daily) देती हैं। इससे न केवल उनका दूध उत्पादन (Milk Production) बढ़ा है, बल्कि उनकी आय में भी काफी वृद्धि हुई है।

साइलेज घास

प्रकाशभाई ने बताया कि साइलेज घास (Silage Grass) मवेशियों को खिलाने से दूध उत्पादन में काफी वृद्धि होती है। इसे स्वयं उगाने पर लागत (Cost) मात्र तीन रुपये प्रति किलो आती है, जबकि बाजार से खरीदने पर इसकी कीमत छह रुपये प्रति किलो होती है। इस तरह की योजनाबद्ध रणनीति (Strategic Planning) से पशुपालन में लाभ (Profit in Animal Husbandry) काफी बढ़ जाता है।

किसानों के लिए प्रेरणा

दलपुर गांव के इन तीन किसान भाइयों की कहानी न केवल गुजरात बल्कि पूरे भारत के किसानों (Farmers of India) के लिए एक प्रेरणा (Inspiration) है। यह दिखाता है कि कैसे नवाचार (Innovation), समर्पण (Dedication) और सही योजना (Proper Planning) से कृषि क्षेत्र में भी उच्च आय (High Income) प्राप्त की जा सकती है।