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बिहार के इस रेल्वे स्टेशन पर प्लेटफॉर्म 1 से 2 तक जाने के लिए करना पड़ता है रिक्शा, पैदल निकल गये तो छूट सकती है ट्रेन

भारतीय रेलवे जिसका पूरे देश में जाल बिछा हुआ है जहां रोजाना हजारों ट्रेनें एक शहर से दूसरे शहर की ओर अपनी यात्रा को अंजाम देती हैं। इसी विशाल नेटवर्क में एक अनोखा रेलवे स्टेशन है बरौनी जंक्शन जो अपने अनोखे ढांचे के लिए जाना जाता है।

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भारतीय रेलवे जिसका पूरे देश में जाल बिछा हुआ है जहां रोजाना हजारों ट्रेनें एक शहर से दूसरे शहर की ओर अपनी यात्रा को अंजाम देती हैं। इसी विशाल नेटवर्क में एक अनोखा रेलवे स्टेशन है बरौनी जंक्शन जो अपने अनोखे ढांचे के लिए जाना जाता है।

दो किलोमीटर की अनोखी यात्रा

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बिहार के बेगुसराय जिले में स्थित, बरौनी जंक्शन भारतीय रेलवे के इतिहास में एक खास स्थान रखता है। यहां प्लेटफॉर्म नंबर एक से प्लेटफॉर्म नंबर दो पर जाने के लिए यात्रियों को 2 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है, जो कि निश्चित रूप से हैरानी भरी बात है।

बरौनी जंक्शन का इतिहास

1883 में ब्रिटिश काल के दौरान बने इस रेलवे स्टेशन की पुरानी इमारत के साथ एक नई कहानी जुड़ी हुई है। समय के साथ इस स्टेशन को नया रूप देने की जरूरत महसूस की गई और नया स्टेशन पुराने से लगभग 2 किलोमीटर की दूरी पर बनाया गया।

नई और पुरानी इमारत का संगम

बरौनी जंक्शन की नई इमारत का निर्माण एक विशाल प्रयास के रूप में किया गया। नई इमारत के नामकरण में 'न्यू' शब्द को जोड़कर इसे न्यू बरौनी जंक्शन का नाम दिया गया। यह नामकरण इस स्टेशन की अनूठी पहचान को और भी मजबूत करता है।

यात्री की चुनौतियाँ और स्टेशन का महत्व

जब यात्री इस स्टेशन पर पहली बार आते हैं और उन्हें 2 किलोमीटर की यह यात्रा तय करनी पड़ती है, तब उन्हें इस स्टेशन की अनोखी विशेषता का अहसास होता है। बिहार और देश के अन्य हिस्सों के लोग इस स्टेशन की अद्वितीयता से अभी भी अनजान हैं।