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ट्रेन चलाने के लिए ड्राइवर को अलग से बनवाना पड़ता है लाइसेन्स, पहले करना पड़ता है ये काम

ट्रेन चलाने वालों के लिए भी एक विशेष तरह का प्रमाण पत्र अवश्यक है जैसा कि कार चलाने वालों के लिए लाइसेंस होता है। 

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ट्रेन चलाने के लिए ड्राइवर को अलग से बनवाना पड़ता है लाइसेन्स
   

ट्रेन चलाने वालों के लिए भी एक विशेष तरह का प्रमाण पत्र अवश्यक है जैसा कि कार चलाने वालों के लिए लाइसेंस होता है। 

ट्रेन चलाने की प्रक्रिया

ट्रेन का संचालन रेलवे के जरिए किया जाता है, जिसके लिए रेलवे की ओर से अनुमति दी जाती है। 

लोको पायलट की भर्ती प्रक्रिया

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रेलवे पहले लोको पायलट के लिए भर्ती का नोटिफिकेशन जारी करता है और उनका चयन लिखित परीक्षा, इंटरव्यू और मेडिकल टेस्ट के माध्यम से किया जाता है। 

ट्रेनिंग और सर्टिफिकेट

चयनित उम्मीदवारों को ट्रेनिंग के लिए भेजा जाता है, जिसमें उन्हें ट्रेन के इंजन की बारिकियां समझाई जाती हैं। उन्हें मंडल इंजीनियर टेस्ट देना होता है, जिसके बाद उन्हें सर्टिफिकेट प्राप्त होता है। 

मालगाड़ी से पैसेंजर ट्रेन तक

पहले लोको पायलट को मालगाड़ी में तैनात किया जाता है और उसके बाद उन्हें पैसेंजर ट्रेन ले जाने की अनुमति मिलती है।