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Today Tomato Price: इस जगह 5 रुपए प्रति किलो के रेट से बिक रहे टमाटर, 1 या 2 किलो छोड़ लोग स्टॉक करने में जुटे

टमाटर दक्षिण भारत में भी रसोई के राजा है. इसकी मांग हमेशा बनी रहती है क्योंकि इसके बिना कोई भी खाना या सब्जी पूरा नहीं होता.
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Today Tomato Price: टमाटर दक्षिण भारत में भी रसोई के राजा है. इसकी मांग हमेशा बनी रहती है क्योंकि इसके बिना कोई भी खाना या सब्जी पूरा नहीं होता. किसानों को यह मांग बहुत फायदेमंद भी रहती है लेकिन अब टमाटर उनके लिए एक बड़ी समस्या बन गया है. किसानों को कभी लाभ देने वाला टमाटर अब उनका सबसे बड़ा नुकसान करता है. किसानों को टमाटर की कीमतों में अचानक आई गिरावट ने परेशान कर दिया है. किसानों का कहना है कि कई कारणों से उन्हें कौड़ियों के दाम पर टमाटर बेचना पड़ता है. 

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5 रुपये प्रति किलो पर आई कीमत 

कुछ महीने पहले आंध्र प्रदेश में टमाटर की कीमत 80 रुपये प्रति किलोग्राम थी. लेकिन आज इसकी कीमत 10 रुपये प्रति किलो से भी कम हो गई है. किसानों को पांच रुपये भी नहीं मिल रहे हैं. टमाटर थोक बाजार में 5 रुपये प्रति किलोग्राम पर बिक रहा है.  टमाटर उगाने वाले किसानों के लिए इतनी बड़ी गिरावट अच्छी नहीं है. किसानों का कहना है कि सरकार बाजार में टमाटर की कीमतों में इतनी बड़ी गिरावट के बावजूद चुप है. 

लागत निकालना भी मुश्किल 

वाईएसआरसीपी सरकार ने किसानों से 3,000 करोड़ रुपये का फंड देकर कीमतों को स्थिर करने का वादा किया था. लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई है. विशेषज्ञों का कहना है कि बिचौलिए टमाटर को खेतों से 2 से 3 रुपए प्रति किलो की दर से खरीद लेते हैं जब तक कि टमाटर थोक बाजार में नहीं आता. किसानों को स्पष्ट रूप से उत्पादन की लागत तो दूर परिवहन की लागत भी नहीं पूरी हो रही है. 

किसानों ने फेंक दी फसल 

हताश किसानों ने अपनी फसल या तो फेंक दी है या फिर खेत में बिना काटे ही सड़ने के लिए छोड़ दी है. वहीं इस परिस्थिति से कई सवाल उठते हैं जो सरकार और प्रशासन की लापरवाही को दिखाते हैं. हर साल ऐसी परिस्थितियां उत्पन्न होती हैं जिससे किसानों को कुछ दिनों तक अपनी फसल को सुरक्षित रखने और फायदे की कीमतें पाने के लिए कोल्ड स्टोर की सुविधा नहीं मिलती. सरकार टमाटर संग्रहालय की आवश्यकता को क्यों नहीं देखती? 

किसान क्या करते हैं 

प्रिजर्वेशन सेंटर प्रॉडक्ट्स को सुरक्षित रखने में मदद करते हुए उनकी कीमतों में इजाफा करते हैं. लोकल व्यापारी मिलकर बाहरी व्यापारियों को स्थानीय किसानों से सीधे अधिक कीमत पर टमाटर खरीदने से रोकते हैं.  मार्केट यार्ड भी किसानों की मदद कर सकते हैं और बिचौलियों और स्थानीय बाजार की ताकतों को उन पर शर्तें थोपने से रोक सकते हैं. किसानों को मार्केट यार्ड में अपनी फसल बेचनी चाहिए.