Toll Plaza Distance: हाइवे पर 2 टोल प्लाजा के बीच कितनी होनी चाहिए दूरी, जाने क्या कहता है NHAI का नियम
Toll Plaza Distance: भारत में तेजी से हाईवे (Highways) और एक्सप्रेसवे (Expressways) का निर्माण हो रहा है, जिससे यातायात (Traffic) और परिवहन (Transportation) की सुविधा में सुधार हो रहा है। इसके साथ ही, टोल टैक्स (Toll Tax) की दरें भी धीरे-धीरे बढ़ रही हैं, जिससे वाहन चालकों को अधिक खर्च का सामना करना पड़ रहा है।
भारत में हाईवे और एक्सप्रेसवे के विस्तार के साथ, टोल टैक्स के नियमों में भी नवीनता और उपभोक्ता केंद्रित परिवर्तन हो रहे हैं। एनएचएआई की पहल और सड़क परिवहन मंत्रालय के निर्देश वाहन चालकों को न केवल राहत प्रदान करते हैं।
बल्कि सड़कों पर यात्रा को अधिक सुविधाजनक और किफायती बनाने का प्रयास करते हैं। ये नीतियां भारतीय परिवहन प्रणाली को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने की दिशा में एक कदम हैं।
टोल टैक्स से मुक्ति का तरीका
एनएचएआई (NHAI) ने एक पुराने ट्वीट में उल्लेख किया है कि विशेष परिस्थितियों में वाहन चालक बिना टोल टैक्स दिए टोल बूथ (Toll Booth) को पार कर सकते हैं। यदि टोल बूथ पर वाहनों की लाइन 100 मीटर से अधिक लंबी हो जाती है, तो वाहनों को बिना भुगतान के आगे निकलने की अनुमति है।
टोल प्लाजा पर भुगतान का समय
एनएचएआई के अनुसार, हर भुगतान लेने के लिए अधिकतम समय 10 सेकंड (Seconds) निर्धारित किया गया है। पीक आवर्स (Peak Hours) में भी टोल पर लगी लाइन को 100 मीटर से अधिक नहीं होने दिया जाता है। इसके लिए हर टोल लेन में बूथ से 100 मीटर की दूरी पर पीली पट्टी (Yellow Stripe) खींची गई है।
60 किलोमीटर रूल क्या है?
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (Ministry of Road Transport and Highways) के अनुसार, फी रूल 2008 के तहत, किसी भी हाईवे पर दो टोल प्लाजा के बीच का अंतर कम से कम 60 किलोमीटर (Kilometers) होना चाहिए। इस नियम को सुनिश्चित करने का उद्देश्य वाहन चालकों पर अधिक आर्थिक बोझ नहीं डालना है।
टोल टैक्स और रोड टैक्स में अंतर
रोड टैक्स (Road Tax) वह कर है जो वाहन चालक राज्य सरकार (State Government) को विभिन्न सड़कों के उपयोग के लिए देते हैं, जबकि टोल टैक्स विशेष सड़कों, मुख्यतः हाईवे या एक्सप्रेसवे पर यात्रा करने के लिए वसूला जाता है। टोल टैक्स का संग्रह उस हाईवे का निर्माण करने वाली कंपनी या एनएचएआई द्वारा किया जाता है।