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टमाटर की खेती ने चमका दी UP के किसान की किस्मत, कमाई जानकर तो आप भी करेंगे ताज्जुब

उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले के शिवगढ़ क्षेत्र के चितवानिया गांव के किसान बबलू कुमार ने टमाटर की खेती करके नई सफलता की कहानी लिखी है। उनकी इस सफलता ने अन्य किसानों के लिए भी एक उम्मीद की किरण जगाई है।
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tomato farming tips
   

उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले के शिवगढ़ क्षेत्र के चितवानिया गांव के किसान बबलू कुमार ने टमाटर की खेती करके नई सफलता की कहानी लिखी है। उनकी इस सफलता ने अन्य किसानों के लिए भी एक उम्मीद की किरण जगाई है।

टमाटर की खेती मे कम लागत, अधिक मुनाफा

बबलू कुमार बताते हैं कि टमाटर की खेती में परंपरागत खेती की अपेक्षा अधिक मुनाफा होता है और लागत भी कम आती है। टमाटर के बाजार में हमेशा मांग बनी रहती है, जिससे उचित दामों पर यह आसानी से बिक जाता है। उन्होंने बताया कि टमाटर की खेती से वे सालाना लागत निकालकर 3 से 4 लाख रुपये की आय प्राप्त करते हैं।

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खेती की प्रक्रिया

टमाटर की खेती करने की प्रक्रिया को समझाते हुए बबलू कुमार ने बताया कि सबसे पहले बीजों से नर्सरी तैयार की जाती है, जिसे खेतों में लगाने के लिए महीने भर का समय लगता है। खेतों में पौधे लगाने के बाद करीब 2-3 महीने में फल आने लगते हैं। बबलू ने यह भी बताया कि वे अपने खेतों से उपजाए गए टमाटर को बाराबंकी और रायबरेली की बाजारों में बेचते हैं।

मिट्टी और लागत

टमाटर की खेती के लिए मिट्टी के प्रकार पर चर्चा करते हुए बबलू ने कहा कि इसे विभिन्न प्रकार की मिट्टी में किया जा सकता है, जिसमें रेतीली दोमट से लेकर चिकनी, लाल और काली मिट्टी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि एक बीघा टमाटर की खेती में लगभग 80 से 90 हजार रुपए की लागत आती है।

किसानों के लिए प्रेरणा

बबलू कुमार की यह सफलता उत्तर प्रदेश के अन्य किसानों के लिए एक प्रेरणा है। उनकी कहानी दर्शाती है कि नई खेती की तकनीकों और सही फसल चुनाव से कम लागत में भी अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है। टमाटर की खेती ने न केवल उनके जीवन में आर्थिक स्थिरता लाई है बल्कि अन्य किसानों को भी इस दिशा में प्रेरित किया है।