1 दिसंबर से TRAI के नियमों में होगा बदलाव ? मोबाइल यूजर्स को मिली बड़ी राहत

1 महीने के लिए राहत
इस विस्तारित समयावधि का लाभ उठाते हुए, टेलीकॉम कंपनियां अब नए ट्रैसेबिलिटी नियमों को लागू करने के लिए अधिक समय समर्पित कर सकती हैं. यह नियम विशेष रूप से कमर्शियल मैसेज भेजने पर लागू होता है, जिसमें OTPs और अन्य महत्वपूर्ण संदेश शामिल हैं.
लागू होना है ट्रैसेबिलिटी नियम
कमर्शियल मैसेज, जैसे कि वन टाइम पासवर्ड (OTPs), जो कि बैंकों और विभिन्न कंपनियों द्वारा वेरिफिकेशन के लिए भेजे जाते हैं, इस नियम के अधीन आएंगे. यह नियम उन सभी कमर्शियल मैसेजेस की पहचान करने और ट्रेस करने में मदद करेगा जो कि वैध स्रोतों से नहीं आते.
OTPs आदि शामिल
इस नए नियम का मुख्य उद्देश्य स्पैम और फिशिंग एक्टिविटीज को रोकना है, जिससे उपयोगकर्ताओं की निजी और वित्तीय जानकारी सुरक्षित रह सके. TRAI इस कदम को उठाकर साइबर अपराधों में कमी लाना चाहता है, जैसे कि बैंक खातों से अवैध निकासी.
स्पैम और स्कैम पर लगाम
जो मैसेज इस ट्रैसेबिलिटी नियम का पालन नहीं करते हैं, वे ऑटोमैटिक रूप से ब्लॉक कर दिए जाएंगे. इससे फेक मैसेजेस की संख्या में कमी आएगी और उपयोगकर्ता के डेटा की सुरक्षा सुनिश्चित होगी.
ब्लॉक होंगे फेक मैसेज
टेलीकॉम कंपनी जैसे Jio, Airtel, और Vi इस नियम के लागू होने पर अपनी चिंताएं व्यक्त कर चुकी हैं. इन कंपनियों का मानना है कि इससे उन्हें कई तकनीकी और प्रशासनिक चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है.
कंपनियों ने बताई थी परेशानी
कई वित्तीय संस्थान और कंपनियां इस नए नियम के लिए तैयार नहीं हो पाई हैं, जिससे उनके OTP और अन्य महत्वपूर्ण संदेशों के संचार में देरी हो सकती है. इससे उपभोक्ताओं को असुविधा हो सकती है. (Financial institutions readiness, Delay in critical communications)
OTP की समस्या
TRAI ने इस नियम को लागू करने के लिए पहले भी तारीख को आगे बढ़ाने का फैसला किया था. यदि यह रिपोर्ट सच साबित होती है, तो यह टेलीकॉम कंपनियों के लिए और भी राहत प्रदान करेगा.