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नोएडा में इन जगहों पर बनेंगे 2 नए एक्सप्रेसवे, इन 12 गांवो की जमीनों की कीमतों में हुआ तगड़ा इजाफा

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में नई किरण के रूप में सीईओ रवि कुमार एनजी का आगमन हुआ है। उन्होंने शहर की मेजर कनेक्टिविटी (Major Connectivity) संबंधी लंबित परियोजनाओं पर काम शुरू कर दिया है।
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ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में नई किरण के रूप में सीईओ रवि कुमार एनजी का आगमन हुआ है। उन्होंने शहर की मेजर कनेक्टिविटी (Major Connectivity) संबंधी लंबित परियोजनाओं पर काम शुरू कर दिया है। इन परियोजनाओं की अहमियत और जटिलताओं को समझते हुए वे पूरी जानकारी इकट्ठा करने में जुटे हैं।

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ग्रेटर नोएडा की कनेक्टिविटी परियोजनाएं न केवल शहर के विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं बल्कि ये नए सीईओ की दक्षता (Efficiency) और नेतृत्व क्षमता का भी परीक्षण हैं। इन परियोजनाओं का सफल समापन शहर को नई दिशा और गति (Momentum) प्रदान करेगा। आइए देखते हैं कि आगामी समय में ये परियोजनाएं किस प्रकार से शहर के विकास को नई उचाइयों तक ले जाती हैं।

महत्वपूर्ण कनेक्टिविटी की दिशा में पहला कदम

ग्रेटर नोएडा शहर के विकास में मेजर कनेक्टिविटी (Connectivity) की दो प्रमुख परियोजनाएं हैं, जिन पर वर्षों से काम ठप पड़ा है। पहली परियोजना परी चौक से बोड़ाकी रेलवे स्टेशन (Bodaki Railway Station) तक और दूसरी एलजी गोल चक्कर से नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे (Noida-Greater Noida Expressway) तक की कनेक्टिविटी है।

पहली प्रमुख कनेक्टिविटी: एक अधूरा सपना

परी चौक से जारचा (Jarcha) तक फैली इस परियोजना में 12 गांवों की जमीन को 2012 में खरीदा गया था। इस 105 मीटर चौड़े एक्सप्रेसवे (Expressway) का निर्माण, हालांकि, विभिन्न कारणों से रुक गया। इससे फेस-2 एरिया की कनेक्टिविटी (Connectivity) का मुद्दा गंभीर रूप ले चुका है।

दूसरी प्रमुख कनेक्टिविटी: विवादों का घेरा

दूसरी ओर, एलजी गोल चक्कर से नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे को जोड़ने की योजना है, जो हिंडन नदी (Hindon River) पर एक पुल के निर्माण पर टिकी हुई है। इस परियोजना में जमीन अधिग्रहण (Land Acquisition) और अन्य विवादों के कारण प्रगति नहीं हो पाई है।

नए सीईओ के सामने चुनौतियां

रवि कुमार एनजी के सामने इन दोनों परियोजनाओं को पूरा करने की बड़ी चुनौती है। उनकी कार्यशैली और नेतृत्व (Leadership) में शहर के विकास की नई संभावनाएं निहित हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि वे इन चुनौतियों का सामना कैसे करते हैं।

आगे की राह

ग्रेटर नोएडा की इन मेजर कनेक्टिविटी परियोजनाओं का सफल समापन न केवल शहर की आवाजाही (Mobility) में सुधार लाएगा बल्कि विकास के नए द्वार भी खोलेगा। यह नए सीईओ की क्षमता और दृढ़ संकल्प (Determination) की परीक्षा होगी। शहरवासियों को उम्मीद है कि ये परियोजनाएं जल्द ही यथार्थ में बदलेंगी।