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आयुष्मान भारत योजना के तहत प्राइवेट अस्पतालों में नही होगा इलाज, जाने इसके पीछे की असली वजह

भारत सरकार (Government of India) की आयुष्मान भारत (Ayushman Bharat) और चिरायु योजना (Chirayu Yojana) के तहत इलाज प्रदान करने वाले निजी अस्पतालों (Private Hospitals) को बिलों के भुगतान का इंतजार है।
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Ayushman Bharat Yojana Treatment Stopped
   

भारत सरकार (Government of India) की आयुष्मान भारत (Ayushman Bharat) और चिरायु योजना (Chirayu Yojana) के तहत इलाज प्रदान करने वाले निजी अस्पतालों (Private Hospitals) को बिलों के भुगतान का इंतजार है। हरियाणा सरकार (Haryana Government) के खिलाफ इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने मोर्चा खोल दिया है।

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भुगतान न होने की स्थिति में इलाज बंद करने का अल्टीमेटम दिया गया है। आयुष्मान भारत और चिरायु योजना के तहत इलाज प्रदान करने वाले निजी अस्पतालों के समक्ष वित्तीय चुनौतियाँ (Financial Challenges) गहराती जा रही हैं।

इस स्थिति का समाधान खोजने के लिए तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता है। अस्पतालों और सरकार के बीच संवाद (Dialogue) और समन्वय (Coordination) से ही इस समस्या का समाधान संभव है।

बकाया भुगतान का मुद्दा

आईएमए (IMA) का दावा है कि फरीदाबाद (Faridabad) में तीन करोड़ रुपये (Three Crore Rupees) से ज्यादा के बिल बकाया हैं। इसके अलावा, बिलों में मनमानी कटौती (Arbitrary Deduction) और लंबी प्रतीक्षा अवधि अस्पतालों के लिए एक बड़ी चिंता है।

कीमतों में बढ़ोतरी और क्रियान्वयन की कमी

नवंबर 2021 में विभिन्न पैकेजों की कीमतों में बढ़ोतरी (Price Increase) की गई, लेकिन हरियाणा सरकार ने अभी तक इसे लागू नहीं किया है। इससे निजी अस्पतालों में वित्तीय असंतुलन बढ़ रहा है।

भुगतान की धीमी गति

आरटीआई (RTI) कार्यकर्ता अजय सैनी के अनुसार, आयुष्मान भारत योजना के तहत 10374 मरीजों (Patients) का इलाज किया गया, जिसके बिल करीब 16 करोड़ रुपये के हैं। इनमें से तीन करोड़ रुपये के बिल बकाया हैं।