अनोखा रेल्वे स्टेशन जहां प्लेटफॉर्म तक जाने के लिए करना पड़ता है रिक्शा, रेलवे प्लेटफॉर्म और स्टेशन के बीच की दूरी है इतनी
भारतीय रेलवे (Indian Railways) का नाम आते ही मन में कई जगहों की यादें ताजा हो जाती हैं। लाखों लोग प्रतिदिन इसके द्वारा यात्रा करते हैं। लेकिन बिहार (Bihar) स्थित बरौनी रेलवे स्टेशन (Barauni Railway Station) के बारे में जानकर हर कोई चकित रह जाता है।
एक असाधारण रेलवे स्टेशन की कहानी
बरौनी जंक्शन जो अपनी एक विशिष्ट विशेषता के लिए प्रसिद्ध है, वह है इसके दो प्लेटफार्मों (Platforms) के बीच 2 किलोमीटर की दूरी। इस अद्वितीय संरचना के कारण यात्रियों को एक प्लेटफॉर्म से दूसरे प्लेटफॉर्म पर जाने के लिए रिक्शा (Rickshaw) या टैक्सी (Taxi) का सहारा लेना पड़ता है।
इतिहास और आवश्यकता की गवाही
बरौनी जंक्शन का निर्माण अंग्रेजों (British) के समय में हुआ था जब भविष्य में प्लेटफार्मों की संख्या बढ़ाने की संभावना का अंदाजा नहीं लगाया गया था। नए प्लेटफॉर्म के निर्माण के समय स्थान की कमी के कारण विस्तार 2 किलोमीटर दूर करना पड़ा।
सुविधा और चुनौतियां
पुराने और नए प्लेटफॉर्म के बीच इतनी बड़ी दूरी होने के कारण, यात्रियों को अपनी यात्रा के लिए विशेष तैयारी करनी पड़ती है। इस अनूठी स्थिति ने बरौनी जंक्शन को भारतीय रेलवे के नक्शे पर एक विशेष स्थान दिया है।
न्यू बरौनी जंक्शन
समय के साथ बरौनी जंक्शन का नाम बदलकर न्यू बरौनी जंक्शन (New Barauni Junction) कर दिया गया। आज यह जंक्शन न केवल मालगाड़ियों (Freight Trains) के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान है बल्कि यह यात्रियों के लिए भी एक अद्वितीय अनुभव प्रदान करता है।