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यहां औरत नही बल्कि मर्द संभालते है किचन का काम, वजह सुनकर तो चौंक उठेंगे

भारतीय समाज में आमतौर पर किचन की जिम्मेदारियां महिलाओं के हाथों में होती हैं, चाहे घर हो या होटल की रसोई. महिलाएं अक्सर इस काम को बखूबी संभालती हैं
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men-handle-the-kitchen भारतीय समाज में आमतौर पर किचन की जिम्मेदारियां महिलाओं के हाथों में होती हैं, चाहे घर हो या होटल की रसोई. महिलाएं अक्सर इस काम को बखूबी संभालती हैं और उन्हें इसमें महारत हासिल होती है. हालांकि आज हम आपको एक ऐसे गांव के बारे में बता रहे हैं जहां परंपरागत रूप से पुरुष ही किचन संभालते हैं और उत्कृष्ट खाना पकाते हैं.

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विशेष गांव जहाँ पुरुष हैं मुख्य बावर्ची

पुडुचेरी के पास स्थित इस अनोखे गांव में पुरुषों द्वारा किचन संभालने की परंपरा है. इस गांव का नाम कलायुर है, जिसे 'विलेज ऑफ कुक्स' के रूप में भी जाना जाता है. यहाँ के पुरुष किचन का संचालन करते हैं और खाना बनाने के अपने कौशल से प्रसिद्ध हैं. यह परंपरा पिछले 500 वर्षों से चली आ रही है, जिसे वे गर्व के साथ निभा रहे हैं.

किचन की जिम्मेदारी क्यों सौंपी गई पुरुषों को?

इस अद्वितीय परंपरा की शुरुआत तब हुई जब पड़ोसी गांवों में विशेष रूप से अमीर रेड्डी परिवारों ने बड़े आयोजनों के लिए वनियार्स समुदाय के पुरुषों को खाना पकाने के लिए बुलाया. वनियार्स की खाना पकाने की कुशलता ने रेड्डी परिवारों को प्रभावित किया, जिससे इस परंपरा की शुरुआत हुई.

गांव के पुरुष शेफ की ट्रेनिंग और कुशलता

कलायुर गांव के पुरुषों को एक दशक तक चलने वाली कठोर ट्रेनिंग से गुजरना पड़ता है. यह ट्रेनिंग उन्हें विशेषज्ञ बावर्ची बनने में मदद करती है. गांव में लगभग हर घर में एक योग्य पुरुष बावर्ची होता है, जो अपने पाक कला के ज्ञान को अगली पीढ़ी को भी सौंपता है.

इस परंपरा का सामाजिक असर 

इस अनोखी परंपरा ने न केवल गांव में पुरुषों और महिलाओं के बीच के रोल को बदल दिया है, बल्कि यह भी दिखाया है कि पाक कला के क्षेत्र में पुरुष भी उतने ही सक्षम हो सकते हैं जितने कि महिलाएं. यह गांव न केवल अपनी खास परंपरा के लिए जाना जाता है बल्कि यहां के पुरुषों द्वारा पकाए गए भोजन के लिए भी प्रसिद्ध है.