UP New Expressway: UP के इन 518 गांवों से होकर गुजरेगा ये नया एक्सप्रेसवे, इन जिलों की जमीन कीमतों में आया उछाल
महाकुंभ 2025 से पहले भारत को अपना दूसरा सबसे लंबा राजमार्ग - गंगा एक्सप्रेसवे के रूप में मिलने जा रहा है। यह एक्सप्रेसवे न केवल उत्तर प्रदेश की विकास यात्रा में एक नया अध्याय जोड़ेगा। बल्कि देश के विकास में भी एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
गंगा एक्सप्रेसवे की योजना और निर्माण न सिर्फ उत्तर प्रदेश के विकास का प्रतीक है। बल्कि यह भारतीय परिवहन तंत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है। जिससे देश की आर्थिक और सामाजिक प्रगति को नई दिशा मिलेगी।
मुख्यमंत्री योगी की पहल
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की दूरदर्शी सोच और सख्त निर्देशों के चलते गंगा एक्सप्रेसवे को वर्ष के अंत तक चालू करने का लक्ष्य है। इस एक्सप्रेसवे के निर्माण से 12 जिलों को जोड़ते हुए 518 गांवों के विकास को नई दिशा मिलेगी।
गंगा एक्सप्रेसवे एक नजर में
इस एक्सप्रेसवे की लंबाई 594 किमी होगी। जो इसे देश का दूसरा सबसे लंबा राजमार्ग बनाएगी। इसका निर्माण 36,230 करोड़ रुपये की लागत से 7467 हेक्टेयर जमीन पर किया जा रहा है।
विशेष सुविधाएं और अवसंरचना
गंगा और रामगंगा पर बनने वाले दो लंबे सेतु, नौ सुविधा क्षेत्र और मेरठ और प्रयागराज में मुख्य टोल प्लाजा के अलावा 15 रैंप टोल प्लाजा प्रस्तावित हैं। इसके अलावा शाहजहांपुर में 3.50 किमी लंबी हवाई पट्टी का निर्माण भी किया जाएगा जहां बड़े विमान उतर सकेंगे।
उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे का हब
उत्तर प्रदेश देश में सर्वाधिक एक्सप्रेसवे वाला राज्य बन गया है। गंगा एक्सप्रेसवे के संचालन के साथ राज्य में अब पांच एक्सप्रेसवे होंगे। जो इसकी आधारभूत संरचना और परिवहन क्षमता को और भी मजबूती प्रदान करेगा।
विकास की ओर एक कदम
गंगा एक्सप्रेसवे न केवल परिवहन को सुगम बनाएगा बल्कि क्षेत्रीय विकास, पर्यटन और रोजगार को बढ़ावा देने में भी महत्वपूर्ण योगदान देगा। इसके निर्माण से मेरठ से प्रयागराज तक की दूरी को घंटों में तय किया जा सकेगा। जो महाकुंभ 2025 और आने वाले समय के लिए एक वरदान साबित होगा।