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UP News: यूपी में बिजली दुर्घटना से जान गंवाने पर बढ़ी मुआवजा राशि, अब परिजनों को मिलेंगे इतने लाख रुपए

अलीगढ़ बिजली निगम (Aligarh Electricity Corporation) ने एक महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए संविदा कर्मचारियों (Contractual Employees) की करंट से मौत (Electrocution Death) होने पर मुआवजे की राशि....
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Compensation on Death Due to Electrocution
   

अलीगढ़ बिजली निगम (Aligarh Electricity Corporation) ने एक महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए संविदा कर्मचारियों (Contractual Employees) की करंट से मौत (Electrocution Death) होने पर मुआवजे की राशि (Compensation Amount) में महत्वपूर्ण वृद्धि की है।

पहले जहाँ ये राशि पांच लाख रुपये थी। अब इसे ढाई लाख रुपये बढ़ाकर साढ़े सात लाख रुपये कर दिया गया है। इससे मृतक कर्मचारियों के परिजनों (Deceased Employees' Families) को आर्थिक सहायता मिलेगी।

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इस नई पहल से बिजली निगम के संविदा कर्मचारियों के परिजनों को न केवल आर्थिक सहायता मिलेगी। बल्कि यह उनके समर्पण और कठिन परिश्रम का भी सम्मान है। इससे उन्हें विश्वास मिलेगा कि विभाग उनकी सुरक्षा और कल्याण के प्रति सजग है।

कर्मचारियों की लगन और समर्पण

बिजली निगम द्वारा आउटसोर्सिंग एजेंसियों (Outsourcing Agencies) के माध्यम से लाइनमैन (Lineman) और पेट्रोलमैन (Patrolman) की तैनाती की जाती है। ये कर्मचारी बिना छुट्टी और समय की परवाह किये विभागीय कार्यों (Departmental Works) में निरंतर लगे रहते हैं। इनकी कठिनाईयों और समर्पण को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है।

मुआवजे की राशि में वृद्धि का निर्णय

उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन (Uttar Pradesh Power Corporation) के प्रशासन निदेशक, मृगांक शेखर दास ने एक पत्र (Letter) जारी करते हुए बताया कि कार्य के दौरान दुर्घटना में मृत्यु होने पर मुआवजे की राशि को पांच लाख से बढ़ाकर साढ़े सात लाख कर दिया गया है। इससे परिजनों को आर्थिक सहारा मिलेगा।

मुआवजा प्रक्रिया में सुधार

नए नियम (New Rules) के अनुसार, मुआवजे की राशि अब सीधे डिस्काम (DISCOM) से परिजनों के खाते में जमा की जाएगी। पहले की प्रक्रिया में छह प्रकार के खाते होते थे, जिससे प्रक्रिया जटिल थी। लेकिन अब ईआरपी सिस्टम (ERP System) को लागू करके प्रक्रिया को सरल बना दिया गया है।

मुआवजे की प्रक्रिया

एक्सईएन राहुल बाबू ने बताया कि दुर्घटना के बाद फार्म 44 (Form 44) भरकर और जरूरी दस्तावेजों को पोर्टल पर अपलोड करके मुआवजे की प्रक्रिया को शुरू किया जाता है। इस प्रक्रिया को 90 दिनों में पूरा करने का प्रावधान है।