UP NEWS: यूपी के इन 378 गांवों में जल्द ही होने वाली है चकबंदी, इन जिलों में जारी हुई गाइडलाइन
भारतीय ग्रामीण परिदृश्य की आत्मा में बसी चकबंदी प्रणाली (Consolidation System) अब नई तकनीकी विधियों के साथ एक नए युग में प्रवेश कर रही है। इंडियन रेलवे को देश की लाइफलाइन (Lifeline) माना जाता है और इसी तरह चकबंदी भी भारतीय कृषि और ग्रामीण विकास की रीढ़ है।
लंभुआ तहसील के धनहुआ और जयसिंहपुर तहसील के कारेबन सहित अन्य गांवों में चकबंदी अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), ब्लॉक चेन (Blockchain), हैंडहोल्ड डिवाइस (Handhold Devices), ड्रोन (Drones) और रोवर सर्वे (Rover Survey) का उपयोग करके की जाएगी।
आधुनिक तकनीकी का अवलोकन
इन नई तकनीकों का उपयोग चकबंदी में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन लाने का वादा करता है। एआई और ड्रोन जैसी तकनीकें भूमि का विवरण (Land Details) ऑनलाइन उपलब्ध कराएंगी।
जिससे भूमि संबंधी जानकारियां आसानी से और तेजी से प्राप्त की जा सकेंगी। यह न केवल समय की बचत करेगा बल्कि पारदर्शिता (Transparency) भी सुनिश्चित करेगा।
पायलट प्रोजेक्ट के तहत पहल
धनहुआ और कारेबन जैसे गांवों को पायलट प्रोजेक्ट (Pilot Project) के तहत चुना गया है। इस परियोजना की शुरुआती सफलता के बाद, इसे अन्य चुने गए गांवों में भी लागू किया जाएगा।
यह पहल न केवल चकबंदी प्रक्रिया को तेज और अधिक कुशल बनाने की दिशा में एक कदम है बल्कि यह भूमि प्रबंधन (Land Management) में नवाचार की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण पहल है।
जिलों को जारी गाइडलाइन
चकबंदी आयुक्त नवीन कुमार द्वारा संबंधित जिलों को जारी की गई गाइडलाइन (Guidelines) नई विज्ञानी विधि के प्रयोग पर विशेष ध्यान देने की ओर इशारा करती है।
इससे उत्तर प्रदेश जोत अधिनियम-1953 (Uttar Pradesh Tenancy Act 1953) के अंतर्गत जोतों के संहतीकरण (Consolidation) और नवीन अधिकार अभिलेखों का निर्माण किया जा सकेगा।
आधुनिक विधि से लाभ
एआइ और ड्रोन तकनीक के उपयोग से चकबंदी प्रक्रिया में आने वाले लाभ अनेक हैं। पहले चकबंदी पूरी होने में चार से पांच वर्ष लग जाते थे, लेकिन नई तकनीक के प्रयोग से यह केवल दो वर्ष में पूरी हो जाएगी। इससे त्रुटि की संभावना कम होगी और भू अभिलेखों का सत्यापन शीघ्रता से हो सकेगा।
नवीनीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम
भारतीय चकबंदी प्रणाली में यह नवीनीकरण (Innovation) की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल चकबंदी प्रक्रिया की गति और पारदर्शिता बढ़ेगी, बल्कि यह भारतीय कृषि और ग्रामीण विकास (Agricultural and Rural Development) के लिए भी एक नई उम्मीद जगाएगी। यह तकनीकी प्रगति और विकास के संयोजन से भारतीय ग्रामीण परिदृश्य के भविष्य को आकार देने में मदद करेगी।