UP Weather Forecast: यूपी में कड़ाके की ठंड के साथ तेज बारिश के लिए हो जाए तैयार, अगले 24 घंटो में इन जिलों में हो सकती है बारिश
पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) के प्रभाव ने उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh), खासकर लखनऊ (Lucknow) में मौसम की चाल को एकाएक बदल दिया है। शनिवार रात से शुरू हुई बदली और बूंदाबांदी ने रविवार को झमाझम बारिश (Rainfall) में बदल गई, जिसने शहर की सड़कों पर पानी बहा दिया।
हजरतगंज, लालबाग जैसे कई इलाके पानी से भर गए। पश्चिमी विक्षोभ के कारण उत्तर प्रदेश में आए मौसमी बदलाव ने जनजीवन, कृषि, और बिजली आपूर्ति पर व्यापक प्रभाव डाला है, जिससे समाज के हर क्षेत्र में चुनौतियाँ और अवसर उत्पन्न हुए हैं।
मौसम विभाग के रिकॉर्ड्स
मौसम विभाग (Weather Department) के अनुसार, शाम पांच बजे तक 1.4 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई, जो रात आठ बजे तक बढ़कर करीब 4 मिलीमीटर हो गई। इस अचानक बारिश ने कई वैवाहिक समारोहों में खलल डाल दी, जिससे खुले पंडालों में आयोजित कार्यक्रम बारिश से प्रभावित हुए।
हाल के दिनों में राहत की बात
पिछले चार-पांच दिनों से लोगों को ठंड से कुछ राहत (Relief) मिली थी, जब दिन का तापमान 22 से 25 डिग्री सेल्सियस (Temperature) के बीच बना हुआ था। शनिवार को तो धूप भी खिली थी, जिससे पारा 25.3 डिग्री तक पहुंच गया था।
बरसात से जीवन पर प्रभाव
इटौंजा, बख्शी का तालाब जैसे इलाकों में सुबह से ही तेज बरसात (Heavy Rain) शुरू हो गई, जिसने जनजीवन को अस्त-व्यस्त (Disrupted) कर दिया। रात में हुई 20 मिनट की तेज बरसात से स्थिति और भी जटिल हो गई।
आगामी मौसम की स्थिति
मौसम विभाग के अनुसार, सोमवार को भी बदली (Cloudy Weather) छाई रहेगी और गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है। छह और सात फरवरी को सुबह कोहरा (Fog) रहेगा और नौ और दस फरवरी को मौसम साफ (Clear Weather) रहने की आशा है।
तापमान में आई गिरावट
बदली और बारिश के कारण दिन का तापमान महत्वपूर्ण रूप से 7.7 डिग्री लुढ़ककर 18 डिग्री सेल्सियस (Degree Celsius) तक पहुंच गया, जो सामान्य से 6 डिग्री कम है।
बिजली की आपूर्ति में बाधा
बारिश के कारण कई इलाकों में बिजली सप्लाई (Electricity Supply) में व्यवधान आया, जिससे अंधेरा छा गया। नादरगंज, अंबेडकर विश्वविद्यालय उपकेंद्र, पूरनपुर उपकेंद्र जैसे कई उपकेंद्रों पर ब्रेकडाउन हुआ।
कृषि पर प्रभाव
गेहूं (Wheat) के लिए यह बारिश लाभदायक रही, जबकि चना, मटर, मसूर जैसी दलहनी फसलों (Pulses) के लिए हानिकारक साबित हुई। जिला कृषि अधिकारी तेग बहादुर सिंह के अनुसार, आलू (Potato) की फसल पर बारिश का प्रभाव दोतरफा हो सकता है, निर्भर करता है कि पानी खेतों में ठहरता है या निकल जाता है।