300 करोड़ की लागत से शिमला के इस रूट पर बनेगा वैली ब्रिज, शिमला से चंडीगढ़ का सफर होगा ढाई घंटे में पूरा

शकराला और शनान के मध्य एक विश्वस्तरीय सस्पेंशन ब्रिज का निर्माण आरम्भ हो चुका है। यह ब्रिज 588 मीटर लंबा और 26.9 मीटर चौड़ा होगा। जो कि जमीन से लगभग 240 मीटर की ऊँचाई पर स्थित होगा। इस ब्रिज के निर्माण में लगभग 300 करोड़ रुपए का निवेश किया जा रहा है। इस वैली ब्रिज को स्टील की मजबूत तारों से सहारा मिलेगा और दोनों किनारों पर स्टील की रेलिंग भी होगी।
शकराला और शनान के बीच निर्मित हो रहा वैली ब्रिज और साथ ही फोरलेन निर्माण न केवल स्थानीय परिवहन को सुविधाजनक बनाएंगे। बल्कि यह विकास की नई दिशाएं भी खोलेंगे। इन परियोजनाओं से जुड़े आर्थिक और सामाजिक लाभ लंबी अवधि में क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण साबित होंगे।
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निर्माण प्रक्रिया और वर्तमान स्थिति
निर्माण कार्य शुरू होने के साथ ही वन विभाग ने पेड़ों को काटने का कार्य पूरा कर लिया है। निर्माण स्थल पर भारी मशीनरी और उपकरणों को लाने की प्रक्रिया जारी है। लगभग 150 मजदूर और 25 पोकलेन मशीनों के साथ 10 मिक्सर मशीनें इस कार्य में लगी हुई हैं। पहाड़ी के पास नींव की खुदाई और मजबूती के कार्य में भी तेजी लाई जा रही है।
फोरलेन निर्माण और इसके लाभ
शकराला से ढली-मशोबरा जंक्शन तक 11 किलोमीटर फोरलेन का निर्माण भी चल रहा है। जिसमें 2070 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है। इस फोरलेन के बनने से शिमला से चंडीगढ़ की यात्रा मात्र ढाई घंटे में पूरी की जा सकेगी।
जिससे पर्यटन और सेब कारोबार को बढ़ावा मिलेगा। फोरलेन के दूसरे चरण का 20 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है और 2026 तक पूरा होने की उम्मीद है।
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सामाजिक और आर्थिक प्रभाव
इस ब्रिज के निर्माण से न केवल स्थानीय यातायात में सुधार होगा। बल्कि यह आसपास के क्षेत्रों के विकास को भी गति देगा। वैली ब्रिज और फोरलेन रोड के निर्माण से निवेशकों और पर्यटकों की आकर्षण बढ़ेगा।
जिससे आर्थिक विकास में तेजी आएगी। यह परियोजना स्थानीय रोजगार सृजन में भी योगदान देगी। जिससे समुदाय की समृद्धि में वृद्धि होगी।