Mosam Update: अगले 24 घंटों में प्रदेश के इन जिलों में जमकर बरसेंगे बादल, जाने मौसम विभाग की ताजा भविष्यवाणी
बीते कई दिनों से राज्य में भारी वर्षा का सिलसिला जारी है। वास्तव में, प्रदेश में सितंबर से फिर से शुरू हुई वर्षा की श्रृंखला कबसे पूरी हो गई है? लेकिन राज्य के सात जिले अभी भी मानसून की उम्मीद कर रहे हैं। यहां बहुत न्यून वृष्टि दर के चलते आम जनता की समस्याएँ बहुत बढ़ गई हैं।
ये जिले वहीं रेड जोन में हैं। वास्तव में, शुक्रवार और शनिवार की बरखा के कारण भोपाल रेड जोन से बाहर हो गया है। लेकिन राजधानी में अभी भी साधारण से 19% कम बदरा है। आपको बता दें कि पिछले दो दिनों से भोपाल जिले में सुबह-सुबह भारी वर्षा हुई है।
मौसम विभाग की जानकारी
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि झारखंड के आसपास एक साइक्लोन वेदर सिस्टम चालू है। साथ ही राज्य में मानसून द्रोणिका प्रवेश कर रही है। इसलिए, इन मौसम प्रणालियों के अलग-अलग स्थानों पर बनाए गए प्रदेश के कई जिलों में मेघों के छाए रहने का अनुमान लगाया गया है।
यही कारण है कि आसमान छोटे-छोटे अंतराल में भारी वर्षा कर सकता है। रविवार को भी भोपाल, इंदौर, जबलपुर और नर्मदापुरम संभाग के जिलों में हल्की वर्षा की चेतावनी दी गई है।
शनिवार को हरदा, नर्मदापुरम और सिवनी सहित कई जिलों में भारी बारिश होगी। बरसात भोपाल में 1.72 इंच, बैतूल में 0.95 इंच और शिवपुरी में 0.91 इंच हुई। मलाजखंड, नौगांव, सिवनी, टीकमगढ़, दतिया, रतलाम, खंडवा, खजुराहो, नरसिंहपुर, दमोह, उज्जैन, छिंदवाड़ा और जबलपुर में भी भारी वर्षा हुई।
आज भी राज्य के कई जिलों में मूसलाधार वृष्टि की आशंका है। मौसम कार्यालय ने भी कई जिलों में भारी वर्षा का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इनमें नर्मदापुरम, सीहोर, छिंदवाड़ा, हरदा, खंडवा और बैतूल भी शामिल हैं। इसके अलावा, कुछ जिलों में सामान्य से भारी वर्षा हुई है।
इन जिलों में बारिश की चेतावनी
इन जिलों में भारी वर्षा और वज्रपात की आशंका है। इसमें शाजापुर, भोपाल, इंदौर, रायसेन, भिंड, खरगोन, बड़वानी, बुरहानपुर, मंडला, डिंडोरी, बालाघाट, देवास, नरसिंहपुर और सिवनी भी शामिल हैं। मौसम कार्यालय ने कई जिलों में आंधी तूफ़ान और वज्रपात की बड़ी आशंका व्यक्त की है।
विशेषज्ञ मौसम विशेषज्ञ कहते हैं कि फिलहाल वर्षा जारी है, लेकिन 25 सितंबर से दक्षिण पश्चिमी मानसून मध्य प्रदेश से जा सकता है। इसके अलावा, अभी भी सात जिले रेड जोन में हैं। मानसून के लिए यह परिस्थिति उचित नहीं है।