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अच्छा तो इस कारण साली को बोला जाता है आधी घरवाली, घर के कुंडी लगाकर ही देके

भारतीय समाज में विवाह के संबंध न केवल दो व्यक्तियों के बीच बल्कि दो परिवारों के बीच एक बंधन का सृजन करते हैं। इसी संबंध का एक रोचक और हंसी-मजाक से भरा पहलू है जीजा और साली का रिश्ता।
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भारतीय समाज में विवाह के संबंध न केवल दो व्यक्तियों के बीच बल्कि दो परिवारों के बीच एक बंधन का सृजन करते हैं। इसी संबंध का एक रोचक और हंसी-मजाक से भरा पहलू है जीजा और साली का रिश्ता। यह रिश्ता विशेष रूप से भारतीय विवाह संस्कृति में उल्लेखनीय है, जहां साली और जीजा के बीच हास्यास्पद और खिलंदड़े मजाक की परंपरा है।

"साली आधी घरवाली" कहने के पीछे के कारण

इस प्रथा के पीछे कई अलग-अलग कारण और कहावतें हैं। प्राचीन काल से यह मान्यता रही है कि शादी के बाद पत्नी के अलावा साली ही वह व्यक्ति होती है जो अपने जीजा की अधिकतम सेवा और देखभाल करती है। इस देखभाल और सेवाभाव को मान्यता देते हुए, साली को "आधी घरवाली" का दर्जा दिया गया।

विवाद और विरोध का विषय

हालांकि इस परंपरा को लेकर भारतीय समाज में विवाद भी है। एक सभ्य वर्ग इस अभिव्यक्ति का विरोध करता है, उनका मानना है कि "साली आधी घरवाली" कहना सामाजिक संबंधों की सूक्ष्मता को कम करता है और इसे कुंठित व भोगविलासी दृष्टिकोण का प्रतिनिधित्व माना जाता है। इस विरोध का मुख्य कारण यह है कि ऐसी कहावतें सामाजिक सम्बन्धों के मूल्यों और गरिमा को चुनौती देती हैं।

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सामाजिक संबंधों में नई सोच की आवश्यकता

वर्तमान समय में समाज में नई सोच और जागरूकता का विकास हो रहा है। इसके चलते ऐसी परंपराओं और कहावतों को नए सिरे से समझने और उनके प्रति जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है। सामाजिक संबंधों के प्रति एक स्वस्थ दृष्टिकोण विकसित करना जरूरी है, जिसमें सभी संबंधों की गरिमा और सम्मान को महत्व दिया जाता है।