जेलों में बंद कैदी क्या काम करके कमाते है पैसे, कितने रूपये मिलती है हर रोज की दिहाड़ी
भारतीय जेलों में बंदी कैदियों के जीवन का एक अहम हिस्सा है उनका काम। यहाँ कैदियों को उनकी कुशलता और क्षमता के अनुसार विभिन्न प्रकार के कार्य सौंपे जाते हैं। इस प्रक्रिया में वे जेल के अंदर ही कुछ पैसे भी कमा लेते हैं जिससे उनकी आत्मनिर्भरता और पुनर्वास में मदद मिलती है।
काम का प्रकार और कैदियों की आय
जेलों में कैदियों को मिलने वाले काम उनकी क्षमता और उपलब्ध अवसरों पर निर्भर करते हैं। कुछ जेलें कैदियों के लिए बैंक खाते खोलती हैं जहाँ उनकी कमाई जमा होती है। इस प्रकार वे अपने काम के बदले में कुछ पैसे जमा करते हैं जिसे वे जेल के अंदर या बाहर अपनी जरूरतों पर खर्च कर सकते हैं।
जेल में मुद्रा का ऑप्शन
पैसे के लेनदेन के लिए जेलों में नकदी की जगह पैसे के कूपन का प्रयोग होता है। ये कूपन विभिन्न मूल्यों में होते हैं और कैदियों को उनके काम के बदले में मिलते हैं। कैदियों के परिजन भी इनके लिए पैसे जमा करवा सकते हैं।
जेल की कैंटीन
हर जेल में एक सरकारी कैंटीन होती है जहाँ कैदी रोजमर्रा की चीजें जैसे साबुन, टूथपेस्ट और इनरवियर खरीद सकते हैं। यह सुविधा कैदियों को उनके बुनियादी आवश्यकताओं की पूर्ति में मदद करती है।
मजदूरी
कैदियों की मजदूरी उनके काम की प्रकृति और उनकी कुशलता के अनुसार तय होती है। यह राज्य द्वारा समय-समय पर संशोधित की जाती है। विभिन्न राज्यों में मजदूरी की दरें अलग-अलग होती हैं।
कैदियों के वेतन में कटौती
कुछ जेलों में कैदियों के वेतन में से एक हिस्सा अपराध पीड़ितों के मुआवजे के लिए कटौती की जाती है। यह व्यवस्था अपराध पीड़ितों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए की गई है।
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काम करना जरूरी
कठोर कारावास की सजा पाने वाले कैदियों को जेल में काम करना अनिवार्य होता है। यह उन्हें विभिन्न कौशल सिखाने और उनके पुनर्वास में मदद करने का एक तरीका है।