एमरजेंसी में बिना टिकट ट्रेन में चढ़ जाए और TTE पकड़ ले तो क्या होगा ? जाने एमरजेंसी के लिए क्या कहता है रेल्वे का नियम
Railway Rules: भारतीय रेलवे की यात्रा अपने आप में एक रोमांचक अनुभव है, लेकिन कई बार यात्रियों को रेलवे के नियमों की पूरी जानकारी न होने के कारण परेशानी का सामना करना पड़ता है. इस लेख में हम आपको भारतीय रेलवे के कुछ ऐसे नियमों के बारे में बताएंगे, जिन्हें जानना हर यात्री के लिए जरूरी है.
बिना टिकट यात्रा के नियम और जुर्माना
भारतीय रेलवे में बिना टिकट यात्रा करना कानूनी रूप से अपराध माना जाता है. रेलवे एक्ट के सेक्शन 138 के अनुसार, यदि कोई यात्री बिना टिकट पाया जाता है तो उसे न केवल यात्रा के लिए पूरा किराया चुकाना पड़ता है बल्कि उस पर ₹250 का अतिरिक्त जुर्माना भी लगाया जाता है. इस जुर्माने की रकम डराने-धमकाने वाली नहीं होती बल्कि यह यात्रियों को बिना टिकट यात्रा करने से रोकने का एक उपाय है.
आपात स्थिति में टिकट न मिलने पर क्या करें?
कई बार आपातकालीन स्थितियों में टिकट उपलब्ध न होने पर यात्री बिना टिकट के यात्रा करने का जोखिम उठा लेते हैं. ऐसी स्थिति में यदि आप ट्रेन में चढ़ जाते हैं तो निकटतम टिकट निरीक्षक (टीटीई) से संपर्क करें और उन्हें अपनी स्थिति स्पष्ट करें. टीटीई आपको टिकट जारी कर सकता है और उस स्थिति में आपको केवल मूल किराया और निर्धारित जुर्माना ही देना होगा.
टिकट चेकिंग और टीटीई के अधिकार
यात्रा के दौरान टिकट चेकिंग एक सामान्य प्रक्रिया है. यदि टीटीई आपसे अधिक राशि की मांग करता है, तो आपको उनसे रसीद मांगने का अधिकार है. रेलवे के नियम के अनुसार, टीटीई को जुर्माने की राशि की एक वैध रसीद प्रदान करनी चाहिए, जिसमें जुर्माने की राशि, दिनांक, और अन्य जरूरी विवरण शामिल होने चाहिए.