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बिजली के प्लग में लगी तीसरी प्लग का क्या होता है काम, जब 2 प्लग से काम हो जाता है तो एक्स्ट्रा लगाने की क्यों पड़ी जरुरत

आज के युग में हमारे घरों में उपयोग होने वाले विद्युत उपकरण जीवन को सरल और सुगम बनाते हैं। इन उपकरणों के लिए आवश्यक तीन पिन प्लग जिसे अक्सर हम बिना सोचे-समझे उपयोग करते हैं, उसकी तीसरी पिन के...
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three pin socket
   

आज के युग में हमारे घरों में उपयोग होने वाले विद्युत उपकरण जीवन को सरल और सुगम बनाते हैं। इन उपकरणों के लिए आवश्यक तीन पिन प्लग जिसे अक्सर हम बिना सोचे-समझे उपयोग करते हैं, उसकी तीसरी पिन के पीछे की कहानी अधिकतर लोगों को नहीं मालूम होती।

तीसरी पिन का उपयोग और इसकी महत्वपूर्णता विद्युत उपकरणों के सुरक्षित उपयोग में एक आवश्यक तत्व है। यह सुनिश्चित करता है कि हमारे घरों और कार्यस्थलों में विद्युत उपकरणों का उपयोग करते समय हम सुरक्षित रहें। इसलिए तीसरी पिन की उपस्थिति और उसका सही ढंग से उपयोग हमारी विद्युत सुरक्षा के लिए अत्यंत आवश्यक है।

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तीसरी पिन का महत्व

बिजली के प्लग में तीन पिन होते हैं, जिनमें से दो का आकार बराबर होता है। लेकिन तीसरी पिन इन दोनों से मोटी होती है और इसे हरे रंग के तार से जोड़ा जाता है। इस तीसरी पिन को 'अर्थिंग' के लिए उपयोग किया जाता है, जो उपयोगकर्ता को बिजली के झटके से सुरक्षा प्रदान करती है।

सुरक्षा की गारंटी

जब किसी विद्युत उपकरण में दोष आ जाता है और उसमें बिजली की धारा प्रवाहित होने लगती है, तो यह तीसरी पिन सुरक्षा की एक परत के रूप में कार्य करती है। यह अनचाहे विद्युत प्रवाह को पृथ्वी में स्थानांतरित कर देती है। जिससे उपकरण को छूने वाले व्यक्ति को झटका नहीं लगता या बहुत कम खतरनाक होता है।

गीली त्वचा और बिजली का झटका

गीली त्वचा सूखी त्वचा की तुलना में बिजली की अधिक सुचालक होती है। ऐसी स्थिति में अगर उपकरण में कोई दोष है तो व्यक्ति को अधिक गंभीर झटका लग सकता है। यहाँ तीसरी पिन की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है क्योंकि यह अतिरिक्त विद्युत प्रवाह को सुरक्षित रूप से पृथ्वी में निर्देशित करती है।

तीसरी पिन के जरिए क्या काम

तीसरी पिन जिसे अर्थिंग पिन के रूप में जाना जाता है। तीसरी पिन उपकरणों को सुरक्षित बनाने में महत्वपूर्ण योगदान देती है। यह उपकरण और उपयोगकर्ता दोनों को बिजली के अनचाहे झटकों से बचाती है।

इतिहास और आविष्कार

हार्वे हबबेल ने 1904 में थ्री पिन प्लग और सॉकेट का आविष्कार किया, जो विद्युत सुरक्षा में एक क्रांतिकारी कदम था। इस आविष्कार ने विद्युत उपकरणों के उपयोग को और अधिक सुरक्षित बनाया।