सर्दियों के मौसम में रम पीने से शरीर पर क्या होता है असर, जाने क्या कहती है एक्सपर्ट की सलाह
आपने भी कई लोगों को यह कहते हुए सुना होगा कि सर्दी में ठंड से बचने के लिए ब्रैन्डी या रम पीना चाहिए। शरीर को गर्मी मिलती है, लेकिन कोई नुकसान नहीं होता। यह सुनकर बहुत से लोग इसे पीना शुरू कर देते हैं।
आपने भी कई लोगों को यह कहते हुए सुना होगा कि सर्दी में ठंड से बचने के लिए ब्रैन्डी या रम पीना चाहिए। शरीर को गर्मी मिलती है, लेकिन कोई नुकसान नहीं होता। यह सुनकर बहुत से लोग इसे पीना शुरू कर देते हैं। बहुत कम लोग जानते हैं कि ब्रांडी को वाइन से बनाया जाता है, जो इसमें अल्कोहल को बढ़ाता है और इसे एक विशिष्ट रंग देता है।
ज्यादातर लोग इसे खाने से खुश होते हैं। लेकिन ऐसा करने से उन्हें हल्का नशा होता है, पैसे खर्च होते हैं और लिवर जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ब्रैंडी और रम को लगातार पीना भी उनकी आदत बन जाता है।
आपको बता दें कि ब्रांडी पीने के फायदे वैसे ही हैं जैसे वाइन पीने के, लेकिन अधिकांश लोग इसके बारे में नहीं जानते। इस लेख में हम ब्रैंडी और रम के फायदे भी बताएंगे।
सर्दी में रम पीना
डॉ. दिलीश मलिक, एक एविएशन मेडिकल स्पेशलिस्ट, कहते हैं कि सर्दी के मौसम में रम खाना सुरक्षित है। 30 से 60 मिलीलीटर तक रम पी सकते हैं। रम इतनी मात्रा में खाने से शरीर में गरमी उत्पन्न होती है, जिससे आपको ठंड नहीं लगती। डॉ. मलिक कहते हैं कि एक कप कॉफी या कोई गरम सूप भी आपके शरीर को गर्म रख सकता है।
हृदय को सुरक्षित रखता है
एक अध्ययन ने पाया कि ब्रांडी में मौजूद एंटी-आक्सीडेंट आपके दिल के खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करके उसके स्तर को नियंत्रित करता है। हार्ट अटैक का खतरा कम होता है अगर आप ब्रांडी पीते हैं। साथ ही ब्रांडी में मौजूद पॉलीफीनोलिक केमिकल दिल का दौरा कम करके ब्लडप्रेशर को नियंत्रित रखता है।
दर्द को दूर करें
सर्दी में रम पीना बोन मिनरल डेन्सिटी को बढ़ाता है और दर्द को कम करता है। सर्दी में कम मात्रा में रम खाने से मसल्स पेन की समस्या भी दूर हो सकती है।
सांस की समस्याएं होती है कम
सर्दी के मौसम में अधिक प्रदूषण अक्सर लोगों में सांस से जुड़ी बीमारियां बढ़ाता है। यही कारण है कि ब्रैन्डी का सेवन इसमें मदद कर सकता है। दरअसल, ब्रैंडी में ऐंटिइन्फ्लेमेट्री गुण हैं, जो सांस से संबंधित परेशानियों को दूर करते हैं। साथ ही, अध्ययन ने पाया कि ब्रैन्डी का सेवन सीमित मात्रा में करने वाले लोगों में फेफड़ों की बीमारी होने का खतरा 20% कम होता है।