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UP और Delhi-NCR में घर पर शराब रखने की कितनी है लिमिट, वरना बाद में हो सकती है दिक्क्त

भारत में शराब (Alcohol) का सेवन और बिक्री राज्य सरकारों द्वारा नियंत्रित होती है, और प्रत्येक राज्य की अपनी आबकारी नीति (Excise Policy) होती है।
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भारत में शराब (Alcohol) का सेवन और बिक्री राज्य सरकारों द्वारा नियंत्रित होती है, और प्रत्येक राज्य की अपनी आबकारी नीति (Excise Policy) होती है। इसी कारण, घर में शराब रखने के नियम भी राज्य दर राज्य अलग-अलग होते हैं। आइए, देखते हैं कुछ प्रमुख राज्यों में इसके नियम क्या हैं।

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दिल्ली में शराब रखने की सीमा

दिल्ली (Delhi), भारत की राजधानी, में घर में शराब रखने के नियम काफी सख्त हैं। यहां व्यक्ति 18 लीटर से ज्यादा वाइन (Wine), एल्कोपॉप (Alcopop) या बीयर (Beer) नहीं रख सकते। इसके अलावा, 9 लीटर से ज्यादा इंडियन या विदेशी रम (Rum), व्हिस्की (Whisky), वोडका (Vodka), जिन (Gin) रखने पर भी पाबंदी है। दिल्ली से बाहर एक लीटर और विदेश से आने वाले व्यक्तियों के लिए 2 लीटर शराब सीमा (Limit) तय की गई है।

पंजाब का आबकारी नियम

पंजाब (Punjab) में शराब के शौकीनों के लिए थोड़ी राहत है। यहां दो बोतल भारत में बनी विदेशी शराब (IMFL) या विदेश से लाई गई दो बोतल, या बीयर का एक केस (650 ML) या 2 बोतल देशी शराब (Country Liquor) रखने की अनुमति है। इससे अधिक रखने के लिए लाइसेंस (License) की आवश्यकता होती है।

हरियाणा में शराब भंडारण के नियम

हरियाणा (Haryana) में देशी शराब की 6 बोतल, भारत में बनी विदेशी शराब की 18 बोतल तक रखने की अनुमति है। यहाँ भी अगर आप इससे ज्यादा शराब रखना चाहते हैं, तो वार्षिक या आजीवन लाइसेंस लेना पड़ सकता है।

राजस्थान के विशेष नियम

राजस्थान (Rajasthan) में आप 12 बोतल तक IMFL रख सकते हैं, लेकिन पार्टी (Party) या बिजनेस पार्टियों (Business Parties) के लिए अलग से लाइसेंस और टैक्स (Tax) का प्रावधान है।

उत्तर प्रदेश में शराब भंडारण की सीमा

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में व्यक्तिगत उपयोग के लिए 6 लीटर तक शराब रखने की अनुमति है। इससे अधिक रखने के लिए वार्षिक लाइसेंस शुल्क 12 हजार रुपये है।