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एक आदमी के लिए दिन में शराब पीने की कितनी है लिमिट है सही, रिसर्च में हुआ बड़ा खुलासा

प्राचीन समय से लेकर आधुनिक युग तक मदिरा का सेवन हमारे समाज का एक हिस्सा रहा है। राजा-महाराजाओं के दरबार से लेकर आज के कॉर्पोरेट पार्टियों तक मदिरा हमेशा से ही विशेष अवसरों की शान बढ़ाती आई है। लेकिन इसके साथ ही इसके स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों को लेकर भी चिंताएँ बढ़ी हैं।

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प्राचीन समय से लेकर आधुनिक युग तक मदिरा का सेवन हमारे समाज का एक हिस्सा रहा है। राजा-महाराजाओं के दरबार से लेकर आज के कॉर्पोरेट पार्टियों तक मदिरा हमेशा से ही विशेष अवसरों की शान बढ़ाती आई है। लेकिन इसके साथ ही इसके स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों को लेकर भी चिंताएँ बढ़ी हैं।
   

प्राचीन समय से लेकर आधुनिक युग तक मदिरा का सेवन हमारे समाज का एक हिस्सा रहा है। राजा-महाराजाओं के दरबार से लेकर आज के कॉर्पोरेट पार्टियों तक मदिरा हमेशा से ही विशेष अवसरों की शान बढ़ाती आई है। लेकिन इसके साथ ही इसके स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों को लेकर भी चिंताएँ बढ़ी हैं।

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डब्ल्यूएचओ की नई रिपोर्ट

हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने एक रिपोर्ट जारी की है जिसमें शराब के सेवन पर स्पष्ट चेतावनी दी गई है। इस रिपोर्ट के अनुसार शराब का कोई भी मात्रा सेहत के लिए हानिकारक हो सकती है। जहाँ एक ओर पहले यह माना जाता था कि मध्यम मात्रा में शराब का सेवन हृदय के लिए लाभदायक हो सकता है वहीं नई जानकारियों ने इस मिथक को तोड़ दिया है।

स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव 

शराब के सेवन से जुड़े स्वास्थ्य जोखिमों की बात करें तो कैंसर, लिवर फेलियर और कई अन्य गंभीर बीमारियाँ इसके संभावित परिणाम हैं। अल्कोहल एक प्रकार का टॉक्सिक होता है, जो शरीर के विभिन्न अंगों को नुकसान पहुंचाता है। वर्षों पूर्व, इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर ने अल्कोहल को ग्रुप 1 कार्सिनोजेन में शामिल किया था जिससे इसकी खतरनाक प्रकृति का पता चलता है।

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सामाजिक और सांस्कृतिक पहलू

शराब का सेवन सामाजिक रूप से भी कई परिवारों और समाजों में विभाजन का कारण बनता है। इसके अत्यधिक सेवन से न केवल व्यक्ति की सेहत पर असर पड़ता है बल्कि यह पारिवारिक और सामाजिक संबंधों में भी तनाव उत्पन्न करता है।