Wheat price Hike: गेंहु के दामों में 9 महीने से बढ़ोतरी का दौर जारी, दिवाली तक बढ़ सकती है इतनी कीमत
Wheat price Hike: भारतीय बाजार में गेहूं की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी जारी है जिसने पिछले 9 महीनों में अपने हाई स्तर को छू लिया है. विशेषज्ञों का मानना है कि अगर सरकार द्वारा गोदामों से गेहूं का स्टॉक जारी नहीं किया जाता है तो कीमतों में कमी आने की संभावना नहीं है.
थोक बाजार में गेहूं की आपूर्ति में कमी
रॉयटर्स के अनुसार थोक मंडियों में गेहूं की आपूर्ति में कमी आई है जिसका असर रिटेल मार्केट पर भी पड़ रहा है. इस कमी के कारण आने वाले त्योहारी सीजन में गेहूं की कीमतों में और अधिक बढ़ोतरी की जा रही है जिससे आम जनता को महंगाई का सामना करना पड़ सकता है.
पिछले 5 महीनों में गेहूं की कीमत में बढ़ोतरी
इस वर्ष अप्रैल में गेहूं की कीमत 24,000 रुपये प्रति मीट्रिक टन थी जो अब बढ़कर 28,000 रुपये प्रति मीट्रिक टन हो गई है. यह बढ़ोतरी आम उपभोक्ताओं के लिए चिंता का विषय है खासकर जब सरकार द्वारा सरकारी गोदामों से गेहूं जारी करने की कोई पुख्ता योजना नहीं हो.
आयात शुल्क में कमी की मांग
उद्योग जगत के विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार को गेहूं पर लगने वाले 40% आयात शुल्क को हटाना चाहिए ताकि विदेशों से गेहूं का आयात सस्ता हो सके और घरेलू बाजार में कीमतों पर नियंत्रण पाया जा सके. इस कदम से खाद्यान्न की कीमतों में स्थिरता आ सकती है और महंगाई दर को कम किया जा सकता है.
सरकारी उपायों की आवश्यकता
मार्केट विश्लेषकों का कहना है कि सरकार को तत्काल प्रभाव से अपने गोदामों से गेहूं की बिक्री शुरू कर देनी चाहिए. इससे न केवल तत्काल गेहूं की कीमतों में कमी आएगी बल्कि आने वाले त्योहारी सीजन में उपभोक्ताओं को कुछ राहत मिल सकेगी.