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होटल में रुकते वक्त हमेशा चुने तीसरी और छठी मंजिल के बीच का कमरा, असली कारण जानकर तो आप भी करेंगे धन्यवाद

आजकल लोगों का दफ्तर के काम से बाहर जाना या छुट्टियों पर जाना काफी बढ़ा है। ऐसे में लोग रुकने के लिए केवल होटल या लॉज चुनते हैं। मानव अपने बजट के अनुसार होटल में ठहरते हैं, जो कभी सामान्य होते हैं तो कभी बहुत अच्छे होते हैं।
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hotel safety tips
   

आजकल लोगों का दफ्तर के काम से बाहर जाना या छुट्टियों पर जाना काफी बढ़ा है। ऐसे में लोग रुकने के लिए केवल होटल या लॉज चुनते हैं। मानव अपने बजट के अनुसार होटल में ठहरते हैं, जो कभी सामान्य होते हैं तो कभी बहुत अच्छे होते हैं। यहां ठहरने से पहले भी आपको अपनी सुरक्षा का पूरा विचार करना चाहिए।

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वर्तमान युग डिजिटल है, इसलिए खतरा हर जगह है। वैसे, अच्छी सुविधा के लिए हमेशा अधिक पैसे खर्च नहीं करना चाहिए। अक्सर, कोई चीज़ पूछने या जानने से अच्छी कीमत मिल जाती है।

यही कारण है कि यह उपकरण आपके लिए उपयुक्त है क्योंकि यह आपकी सुरक्षा से बिल्कुल नहीं कॉम्प्रोमाइज़ करता है। सीआईए और एफबीआई के पूर्व एजेंट ने इसे लेकर कुछ सुझाव दिए हैं जो आपकी सुरक्षा को बढ़ा सकते हैं।

हमेशा चुनें तीसरी से छठीं मंज़िल के बीच कमरे

ट्रेसी वैल्डर, एक पूर्व एजेंट, ने बताया कि वह हर बार होटल में रहते समय कमरे को तीसरी से छठी मंजिल के बीच ही चुनता है। उसने इसकी वजह सुरक्षा बताई है। उसने बताया कि ये कमरे मेन फ्लोर और एमरजेंसी एक्सेस से नज़दीक हैं।

चूंकि ये ग्राउंड फ्लोर पर नहीं हैं, चोर-उचक्कों का खतरा बहुत कम है। यदि आप नीचे के फ्लोर पर होते हैं, तो चोर आपके कमरे में घुस सकते हैं। ज्यादा ऊंचाई पर रहने पर वहाँ से भागना मुश्किल होगा। तीसरे से छठे फ्लोर में आप सीढ़ियों पर चढ़ सकते हैं।

इन बातों का भी रखें ख्याल

वैल्डर का कहना है कि इसके अलावा वो कमरे के अंदर जाने पर लॉक और बोल्ट दोनों ही अच्छी तरह से बंद करती हैं। उनका कहना है कि जहां आप ट्रैवेल कर रहे हैं, उसके बारे में ज्यादा से ज्यादा जान लेना भी ज़रूरी होता है।

बच्चों को ट्रैकिंग डिवाइस पहनाकर रखें, जबकि लगेज पर एयरटैग लगाने से भी लोकेशन का पता रहता है। उसके मुताबिक प्राइवेट रेंटल्स से बचना चाहिए क्योंकि ये काफी रिस्की होते हैं। आपको पता नहीं होता है कि आप किसके घर में ठहर रहे हैं।