1903 में जब ताज होटल बना तब कितना आया था टोटल खर्चा, उस टाइम कितने रुपए होता था कमरा बुक करने का किराया
हिंदुस्तान में किसी भी आलीशान होटल का नाम सुनते ही ताज होटल का नाम सबसे पहले आता है। 100 वर्षों से समंदर के किनारे खड़ी ताज होटल हमेशा से मुंबई की शान रही है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ताज होटल बनाने में कितना पैसा खर्च हुआ?
पुराने समय में यहां एक रात रूकने का किराया 30 रुपये था। ताज होटल ने पहले विश्व युद्ध और आजादी के संघर्ष को देखा। आइये आपको ताज होटल के इतिहास और आर्थिक विवरण बताते हैं।
मुंबई में होटल ताज का निर्माण कैसे हुआ?
टाटा ग्रुप के संस्थापक जमशेद जी टाटा ने ताज होटल बनाने का सपना देखा। वास्तव में, 1890 के आसपास, जब भारत पर अंग्रेजों का शासन था। उस समय जमशेद जी टाटा को मुंबई में वॉटसन होटल में जाने से रोक दिया गया क्योंकि उसमें सिर्फ अंग्रेजों को प्रवेश मिलता था और भारतीयों को नहीं।
जमशेद जी टाटा को इस अपमान का बदला लेने के लिए ताज होटल बनाना पड़ा। 1898 में मुंबई में ताज होटल का निर्माण शुरू हुआ. पांच साल के बाद 16 दिसंबर 1903 में होटल को आधिकारिक रूप से खोला गया। विशेष बात यह है कि भारतीय आर्किटेक्ट रावसाहेब वैद्य और डीएन मिर्जा ने ताज होटल का बेहद सुंदर डिजाइन किया था।
120 साल पहले 5 करोड़ खर्च
ताज होटल कोलाबा में समंदर के सामने मुंबई में है। यह गेटवे ऑफ इंडिया से पहले बनाया गया था। ताज होटल के निर्माण में चार से पांच करोड़ रुपये खर्च होने की कई मीडिया रिपोर्टें प्रकाशित हुई हैं। यह धन 120 साल पहले खर्च किया गया था।
तो आप सोच सकते हैं कि इसका आज का मूल्य क्या होगा? मुंबई में बिजली से सज्जित पहली इमारत था ताज होटल। वहीं, यह देश का पहला होटल था जिसमें अंग्रेजी बटलर, तुर्की स्नानघर और जर्मन लिफ्ट थे।
सवा सौ साल में किराया इतना बढ़ा
1914 से 1918 के दौरान पहला विश्व युद्ध हुआ। उस समय ताज होटल को 600 बिस्तरों का अस्पताल बनाया गया था। इस होटल में स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान सरदार पटेल, सरोजिनी नायडू, मुहम्मद अली जिन्ना, खान अब्दुल गफ्फार खान और महात्मा गांधी भी एकत्रित हुए।
ताज होटल के एक रूम का किराया किसी जमाने में सिर्फ 30 रुपये था लेकिन अब यहां एक रात्र रुकने के लिए 30,000 से लेकर लाखों रुपये चुकाने पड़ते हैं। ताज होटल के रूम और सुइट का किराया अलग-अलग है, जो 30,000 रुपये से शुरू होता है।