भारत के किस राज्य में मिलती है सबसे ज्यादा दिहाड़ी मजदूरी, एक दिन की दिहाड़ी सुनकर तो भूल जाएंगे सरकारी नौकरी
भारत एक ऐसा देश जहां भिन्नता न सिर्फ संस्कृति में बल्कि आर्थिक स्थितियों में भी दिखाई देती है। एक तरफ जहां अलग-अलग राज्यों के मजदूर अपनी रोजी-रोटी के लिए दूसरे राज्यों का रुख करते हैं वहीं केरल ने मजदूरी के क्षेत्र में एक नई मिसाल कायम की है।
भारत एक ऐसा देश जहां भिन्नता न सिर्फ संस्कृति में बल्कि आर्थिक स्थितियों में भी दिखाई देती है। एक तरफ जहां अलग-अलग राज्यों के मजदूर अपनी रोजी-रोटी के लिए दूसरे राज्यों का रुख करते हैं वहीं केरल ने मजदूरी के क्षेत्र में एक नई मिसाल कायम की है।
मजदूरी की पुरानी चुनौतियाँ
भारत में मजदूर वर्ग का जीवन हमेशा से ही संघर्षपूर्ण रहा है। देश के कोने-कोने से लोग बेहतर जीवन और काम की तलाश में बड़े शहरों में जाते हैं। इन मजदूरों की दिहाड़ी अक्सर इतनी कम होती है कि उनका और उनके परिवार का गुजारा चलाना मुश्किल हो जाता है।
केरल
इस बीच केरल ने मजदूरों के लिए एक नई राह खोली है। आरबीआई के एनुअल हैंडबुक रिपोर्ट्स के अनुसार, केरल में मजदूरों को दी जाने वाली दिहाड़ी अन्य राज्यों के मुकाबले सबसे अधिक है। प्रति दिन 838 रुपए की दिहाड़ी से एक मजदूर सालाना लगभग 1,94,767 रुपए कमा सकता है, जो कि एक बढ़िया कमाई है।
एक सामाजिक परिवर्तन की ओर
केरल का यह कदम न सिर्फ राज्य के मजदूरों के जीवन में बदलाव ला रहा है बल्कि एक सामाजिक परिवर्तन की भी शुरुआत कर रहा है। अच्छी दिहाड़ी से मजदूर अपने परिवार की बेहतर देखभाल कर सकते हैं, अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा दिला सकते हैं और एक खुशहाल जीवन जी सकते हैं।