खेत में काम करते वक्त जमीन से आने लगी खट-खट की आवाज, निकली ऐसी चीज की तुरंत हरकत में आई सरकार
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के बागपत जिले में स्थित एक गांव, सिनौली (Sinauli), ने हाल ही में खुदाई के दौरान ऐसे पुरातात्विक विभाग को कुछ ऐसा मिला हैं जिन्होंने इतिहासकारों और पुरातत्व विज्ञानियों की दिलचस्पी को जगाया है। किसान प्रभाष शर्मा (Farmer Prabhash Sharma) की खेती की भूमि से शुरू हुई यह खोज न केवल स्थानीय बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी चर्चा का विषय बनी हुई है।
प्राचीन सभ्यताओं के निशान
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (Archaeological Survey of India - ASI) ने इस गांव में खुदाई के दौरान 3,000 से भी अधिक पुराने मानव कंकाल (Human Skeletons) और विभिन्न प्राचीन वस्तुएं खोज निकाली हैं। इन निष्कर्षों में रथ एंटीना तलवार (Antenna Swords), और ताबूत (Coffins) शामिल हैं, जो भारत में किसी भी अन्य खुदाई स्थल से प्राप्त नहीं हुए हैं। यह खोज भारतीय इतिहास (Indian History) की व्याख्या में एक नया अध्याय जोड़ती है।
लिखित इतिहास को चुनौती
सिनौली में मिले निष्कर्ष ने अंग्रेजों द्वारा लिखित इतिहास (Written History) को चुनौती दी है। यहां से प्राप्त रथ और तलवारें भारत में आर्यों के आक्रमण (Aryan Invasion) की मैक्समुलर थ्योरी (Max Muller Theory) को भी झुठलाते हैं। यह संकेत देते हैं कि भारतीय सभ्यता (Indian Civilization) के विकास में स्थानीय कारकों की भूमिका अधिक महत्वपूर्ण थी।
खोजों की विविधता
सिनौली में प्राप्त खोजें विविधतापूर्ण हैं और इसमें रथ, तांबे की तलवारें (Copper Swords), और मुकुट (Crowns) शामिल हैं, जिनका इस्तेमाल 2300-1950 ईसा पूर्व के दौरान होता था। ये निष्कर्ष दिखाते हैं कि हड़प्पा सभ्यता (Harappan Civilization) के समकालीन गंगा नदी के किनारे एक विकसित सभ्यता मौजूद थी।
महिला योद्धा और घोड़े की उत्पत्ति
खुदाई में मिली एक महिला योद्धा की कब्र (Female Warrior's Grave) ने प्रमाणित किया कि भारतीय महिलाएं भी योद्धा होती थीं। इसके अलावा रथ की खोज से यह प्रश्न उठा है कि क्या भारत में घोड़ा (Horse) बाहर से आया था या यहां पहले से मौजूद था। यह खोज भारतीय इतिहास को और अधिक गहराई से समझने के नए द्वार खोलती है।
महाभारत काल की डेटिंग
सिनौली की खुदाई ने महाभारत काल (Mahabharata Era) की डेटिंग और हड़प्पा युग (Harappan Era) में घोड़े की उत्पत्ति की जांच के लिए नई संभावनाएं प्रस्तुत की हैं। यह खोज न केवल पुरातत्वविदों के लिए बल्कि इतिहास के छात्रों और आम जनता के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण है।