भारत में मारुति 800 को ख़रीदने वाला पहला ग्राहक कौन था, जिसको इंदिरा गांधी ने अपने हाथों से सौंपी थी कार की चाबी

आजकल आप कई अलग-अलग कारों में से चुन सकते हैं, लेकिन एक समय था जब कार का होना वाकई खास होता था। भारत में, अब कारों के लिए वास्तव में एक बड़ा बाजार है, लेकिन मारुति 800 नाम की एक कार थी जो कुछ समय पहले वास्तव में लोकप्रिय थी।
1983 में बहुत सारे लोग भारत में कार खरीदना चाहते थे। मारुति सुजुकी ने एक ऐसी कार बनाई जो बहुत महंगी नहीं थी जिसे मारुति 800 कहा जाता था। यह वास्तव में लोकप्रिय हुई और आम लोगों के लिए एक कार के रूप में जानी जाती है।
मारुति 800 नाम की एक कार थी जो हमारे देश में लगभग 40 वर्षों तक बहुत लोकप्रिय रही। लेकिन अब, हम उनमें से कई को सड़क पर नहीं देखते हैं। आइए बात करते हैं मारुति 800 को पहली बार पेश किए जाने के बारे में एक मजेदार कहानी की। उस समय की प्रधान मंत्री, इंदिरा गांधी और उनके बेटे राजीव गांधी दोनों लॉन्च के लिए वहां मौजूद थे।
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भारत में मारुति 800 कार खरीदने वाला पहला व्यक्ति दिल्ली का हरपाल सिंह नाम का व्यक्ति था। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने उन्हें कार की चाबी दी थी। हरपाल सिंह का चयन लकी ड्रॉ के जरिए किया गया। कंपनी ने 28 लाख मारुति 800 कारें बनाईं, जिनमें से 26 लाख भारत में बेची गईं और 2 लाख अन्य देशों को बेची गईं।
हरपाल सिंह अपनी कार से बहुत प्यार करते थे और उसे हमेशा अपने पास रखते थे। वह इंडियन एयरलाइन नाम की एक कंपनी के लिए काम करता था और ग्रीन पार्क नाम की जगह में रहता था। हरपाल अपने परिवार के साथ मेरठ की एक मजेदार यात्रा पर मारुति 800 नामक अपनी कार चला रहे थे।
हरपाल ने बहुत समय पहले मारुति 800 नाम की एक कार 47,500 रुपये में खरीदी थी। हरपाल के रिश्तेदार तेजिंदर अहलूवालिया इसी कार से मेरठ घूमने गए थे और वे रास्ते में दो बार रुके। कार को देखने के लिए कई लोग आए क्योंकि यह खास और दिलचस्प थी।
बहुत सारे लोग मारुति 800 नाम की एक कार चाहते थे, लेकिन संयोग से कुछ लोगों को ही कार लेने के लिए चुना गया। हरपाल के पास इनमें से एक कार थी और कई लोगों ने इसके लिए उन्हें ढेर सारे पैसे ऑफर किए, लेकिन उन्होंने इसे अपने लिए रखने का फैसला किया।
जब मारुति 800 कार को पहली बार पेश किया गया था, तो इसे गुड़गांव नामक शहर में लॉन्च किया गया था। उस समय भारत की प्रधान मंत्री, इंदिरा गांधी और उनके बेटे राजीव गांधी इसे देखने के लिए वहां मौजूद थे। इस कहानी को बताने वाले व्यक्ति ने कहा कि उनके परिवार के सदस्य, हरपाल सिंह, राजीव गांधी को इंडिया एयरलाइंस में उनके साथ काम करने से जानते थे। जब राजीव ने हरपाल को गाड़ी की चाबी दी तो उसने जोर से गले लगाया!