फ्लैट से लेकर बड़ी बिल्डिंग में क्यों नही बनाया जाता 13वां फ्लोर, जाने बिल्डरों को किस चीज का लगता है डर
दुनियाभर में 13 नंबर को लेकर लोगों में एक विशेष प्रकार की आशंका और डर देखा जा सकता है जिसे विज्ञान की भाषा में 'ट्रिस्कायडेकाफोबिया' कहा जाता है। यह डर इतना प्रबल है कि इसके प्रभाव से बचने के लिए कई हाईराइज सोसाइटीज, होटल्स और यहाँ तक कि हवाई जहाज में भी 13 नंबर की सीट या कमरा नहीं होता।
वास्तुकला और होटल उद्योग में 13 की अनुपस्थिति
वास्तुकला और होटल उद्योग में 13 नंबर की अनुपस्थिति का मुख्य कारण यह है कि व्यवसायी नहीं चाहते कि उनके ग्राहक या निवासी इस नंबर के कारण असुविधाजनक महसूस करें। इसके अलावा कई लोग 13 नंबर को अशुभ मानते हैं और इससे बचना चाहते हैं, जिससे व्यवसायों को भी इस नंबर को अपनी सेवाओं से अलग रखने का निर्णय लेना पड़ता है।
हॉस्पिटल और 13 नंबर की गैर-मौजूदगी
यहां तक कि हॉस्पिटल्स में भी 13 नंबर का बेड नहीं होता जो दर्शाता है कि इस नंबर से जुड़ा डर केवल वाणिज्यिक स्थानों तक ही सीमित नहीं है बल्कि स्वास्थ्य सेवा उद्योग में भी नहीं देखने को मिलता है। इसका मुख्य कारण यह है कि कोई भी अस्पताल या स्वास्थ्य सेवा नहीं चाहता कि मरीज़ और उनके परिजन इस नंबर को लेकर नकारात्मकता या अशुभ मानें।
यह भी पढ़ें; आधार कार्ड में फोटो अपडेट करवाने का काम हुआ अब और भी आसान, इन डॉक्युमेंट की पड़ेगी जरूरत
13 नंबर के पीछे की मान्यताएं
विश्वभर में 13 नंबर के प्रति विरोधाभासी धारणाएँ हैं। कुछ संस्कृतियों में इसे अशुभ माना जाता है वहीं कुछ में इसे सकारात्मकता से जोड़ा जाता है। इस नंबर को भूत-प्रेत, काले जादू और अन्य नकारात्मक शक्तियों से भी जोड़कर देखा जाता है जिससे लोग इससे डरते हैं।