750ML की बोतल में ही क्यों आती है शराब, जाने इसके पीछे की असली वजह
शराब की बोतलें जो आज हमें 750 मिलीलीटर (ML) में दिखाई देती हैं I इनका इतिहास और विकास बेहद रोचक है। पहली शताब्दी में कांच की बोतलें (Glass Bottles) अत्यधिक महंगी हुआ करती थीं जिसके कारण यह आम लोगों की पहुंच से बाहर था। 18वीं सदी में, कांच की बोतलों का उत्पादन (Production) बढ़ने के साथ ही इसकी कीमतें कम हो गईं, जिससे यह आम लोगों के लिए भी उपलब्ध हो गया।
कोयले से बनी भट्टियों और कांच की बोतलों की मजबूती
कोयले से बनने वाली भट्टियों (Coal Furnaces) में बनी कांच की बोतलें अधिक मजबूत होती थीं। इन भट्टियों में बनी बोतलें लंबी और स्टोर करने में आसान होती थीं, जिससे इन्हें ट्रांसपोर्ट करना (Transportation) भी सुविधाजनक हो गया।
750 मिलीलीटर के शराब की बोतल का रहस्य
शराब की बोतल का आकार 750 मिलीलीटर क्यों होता है, इसके पीछे एक रोचक कहानी है। पुराने जमाने में, हर बोतल को कारीगर (Craftsmen) द्वारा हाथ से बनाया जाता था, जिसमें मुंह से हवा छोड़कर बोतल को फुलाया जाता था। एक आम इंसान 700ml से 800ml तक ही हवा भर सकता है, जिससे 750ml का आकार सबसे अधिक प्रचलित हो गया। आज के आधुनिक युग में भी, जब मशीनों (Machines) की मदद से किसी भी आकार की बोतल बनाई जा सकती है, कंपनियां इस परंपरागत आकार को बरकरार रखती हैं।
वाइन का आनंद और केमिकल रिएक्शन
वाइन (Wine) का स्वाद जितना पुराना होता है, उतना ही बेहतर होता है, जो कि केमिकल रिएक्शन (Chemical Reaction) की वजह से होता है। यह वाइन प्रेमियों के लिए ज्ञान का एक अमूल्य टुकड़ा है, जो वाइन की गुणवत्ता और इसके संग्रहण (Storage) को समझने में मदद करता है।