home page

पटरियों के किनारे पर सी/फा और W/L के बोर्ड क्यों लिखा होता है, जाने इसका असली मतलव

भारतीय रेलवे को अक्सर देश की लाइफलाइन कहा जाता है. इसकी वजह है ट्रेनों का विशाल नेटवर्क जो दिन-रात देश के विभिन्न कोनों को जोड़ता रहता है.
 | 
railway-track
   

indian railways fact: भारतीय रेलवे को अक्सर देश की लाइफलाइन कहा जाता है. इसकी वजह है ट्रेनों का विशाल नेटवर्क जो दिन-रात देश के विभिन्न कोनों को जोड़ता रहता है. लाखों लोग रोजाना ट्रेन के माध्यम से अपनी यात्राएं करते हैं चाहे वह दैनिक आवाजाही हो या लंबी दूरी की यात्रा.

हमारा Whatsapp ग्रूप जॉइन करें Join Now

रेलवे साइन और उनके महत्व

जब भी आप ट्रेन में यात्रा करते हैं आपने पटरियों के किनारे कई तरह के संकेत देखे होंगे. इनमें से कुछ संकेत जैसे कि 'सी/फा' और 'W/L' बहुत ही आम हैं. ये संकेत रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं.

सी/फा और W/L का अर्थ और महत्व

यदि आपने कभी गौर किया हो तो पटरियों के किनारे 'सी/फा' और 'W/L' लिखा हुआ नजर आता है. 'सी/फा' का अर्थ है सीटी बजाओ/फाटक और 'W/L' का अर्थ है Whistle for Level crossing. इन संकेतों का मुख्य उद्देश्य ट्रेन के चालक को यह सूचित करना है कि वे क्रॉसिंग पर पहुंचने पर हॉर्न बजाएं.

क्यों महत्वपूर्ण हैं ये साइन्स?

ये साइन्स ट्रैक पर पीले रंग के बोर्ड पर लिखे जाते हैं और इन्हें खास रूप से पीले रंग में पेंट किया जाता है ताकि ये दूर से ही स्पष्ट रूप से नजर आ सकें. यह रंग आंखों को आसानी से आकर्षित करता है और इससे ट्रेन ड्राइवर को आसानी से सिग्नल दिखाई देता है.

सुरक्षा के लिए ये साइन क्यों जरूरी हैं?

इन संकेतों का मुख्य काम यह सुनिश्चित करना है कि क्रॉसिंग पार करते समय ट्रेन ड्राइवर द्वारा हॉर्न बजाया जाए ताकि आसपास के लोगों को ट्रेन के आने की सूचना हो सके. इससे दुर्घटनाओं को रोकने में मदद मिलती है और यात्रा सुरक्षित रहती है.

इन संकेतों की स्थापना कहाँ और कैसे की जाती है?

ये संकेत आमतौर पर रेलवे क्रॉसिंग से 250 से 600 मीटर की दूरी पर स्थापित किए जाते हैं. इससे ट्रेन ड्राइवर को पर्याप्त समय मिल जाता है कि वह सीटी बजा सके और सुरक्षित रूप से क्रॉसिंग को पार कर सके.