कई रेल्वे स्टेशनों के नाम के पीछे टर्मिनल, सेंट्रल और जंक्शन क्यों लिखा जाता है, होशियार लोग भी नही जानते इसके पीछे की वजह
भारतीय रेलवे भारतीयों के जीवन का एक अभिन्न हिस्सा है और यह दुनिया के सबसे बड़े रेल नेटवर्कों में से एक है। उत्तर से दक्षिण और पूर्व से पश्चिम तक, भारतीय रेलवे यात्रियों के साथ-साथ माल ढुलाई के लिए भी एक प्रमुख माध्यम है। रेलवे स्टेशनों पर जंक्शन, सेंट्रल, और टर्मिनस जैसे नाम आपने अवश्य देखे होंगे लेकिन इनका सही अर्थ क्या है?
यह भी पढ़ें; शादी के बाद आधार कार्ड में सरनेम बदलवाना हुआ आसान, इस तरीके से मिनटों में हो जाएगा आपका काम
रेलवे जंक्शन
जंक्शन वे स्टेशन होते हैं जहां तीन या उससे अधिक रेल मार्ग एक साथ मिलते हैं। ये भारतीय रेलवे के नेटवर्क में महत्वपूर्ण नोड्स का काम करते हैं और विभिन्न दिशाओं से आने वाली ट्रेनों को संभालते हैं। जंक्शन स्टेशन यात्रियों के लिए ट्रेनें बदलने का केंद्रीय स्थान भी प्रदान करते हैं और यात्रा के मार्गों में लचीलापन जोड़ते हैं।
टर्मिनल और टर्मिनस
टर्मिनल या टर्मिनस वे स्टेशन हैं जहां ट्रेनों की यात्रा समाप्त होती है। इन स्टेशनों पर रेलवे ट्रैक आगे नहीं बढ़ते जिसका मतलब है कि ट्रेनें जिस दिशा से आती हैं उसी दिशा में लौटती हैं। ये स्टेशन अक्सर बड़े शहरी केंद्रों में स्थित होते हैं और उनका मुख्य कार्य शहर के यात्री ट्रैफ़िक को संभालना होता है।
यह भी पढ़ें; ट्रेन में साफ सफाई और चार्जिंग पॉइंट को लेकर है दिक्क्त तो झट से करे ये काम, रेल्वे की तरफ से मिलेगी मदद
सेंट्रल स्टेशन
सेंट्रल स्टेशन वे होते हैं जो किसी शहर में मुख्य यात्री स्टेशन के रूप में काम करते हैं। ये स्टेशन उस शहर के सबसे पुराने और व्यस्ततम स्टेशन होते हैं और वहाँ कई रेल मार्गों का संगम होता है। जैसे कि मुंबई सेंट्रल, चेन्नई सेंट्रल और कानपुर सेंट्रल, ये सभी उदाहरण बताते हैं कि किस प्रकार से ये स्टेशन अपने-अपने शहरों के लिए यातायात के महत्वपूर्ण केंद्र बन चुके हैं।