आखिर किस कारण रेलवे ने पटरियों पर उतारी नारंगी रंग की वंदे भारत एक्सप्रेस, जाने इस रंग को चुनने के पीछे की असली कहानी
भारत में इस समय कई वंदे भारत ट्रेन दौड़ रही हैं। वहीं आपको बता दे कि जब देश की सबसे पहले वंदे भारत ट्रेन चलाई गई थी तो इसका रंग नीला और सफेद था। अब नए और एडवांस फीचर्स के साथ ट्रेन में बदलाव किए जा रहे हैं। अब सेमी हाई स्पीड ट्रेन नंगी और सफेद रंग में लॉन्च की जा रही है।
लेकिन ट्रेन के केसरिया रंग होने से विवाद भी खड़ा हो रहा है जिसे राजनीति से जोड़कर देखा जा रहा है। वही इसके पीछे अश्वनी वैष्णव ने भी कई बातों को नकार दिया है।
क्या है इस रंग के चुनाव का कारण
आपको बता दें कि, अश्विनी वैष्णव ने कहा कि हवाई जहाजों और जहाजों में ब्लैक बॉक्स नारंगी रंग के होते हैं क्योंकि पीला और नारंगी रंग अच्छे से दिखाई देता है। इतना ही नहीं, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल की बचाव नौकाएं और जीवन जैकेट भी नारंगी रंग के हैं।
ट्रेनों का रंग इसलिए रखा जाता है क्योंकि हमारी आंखों को कई रंग शत नहीं है इसलिए सरकार ने कहा है कि नारंगी रंग की खूबियां के चलते ही इस रंग का चुनाव वंदे भारत एक्सप्रेस के लिए किया गया है।
पहली नारंगी वंदे भारत
आपको बता दे की 14 सितंबर को केरल के कासरगोड और तिरुवंतपुरम में पहली नारंगी कलर की वंदे भारत ट्रेन शुरू की गई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस ट्रेन को हरी झंडी दिखाई थी। कासरगोड-तिरुवनंतपुरम 31वीं वंदे भारत ट्रेन थी, जिसे 19 अगस्त को तमिलनाडु के पेरंबूर में इंटीग्रल कोच फैक्ट्री में ट्रायल रन के लिए लॉन्च किया गया था।
देश की पहली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन 15 फरवरी 2019 को चली थी। इतना ही नहीं इसके बाद वाराणसी से नई दिल्ली के लिए वंदे भारत एक्सप्रेस को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरी झंडी दी थी।